Nitish Kumar जो काम BJP के साथ रहकर 13-14 माह में नहीं कर सके… वही काम करने के लिए Lalu Prasad Yadav ने कराया, नीतीश ने कठोर निर्णय से मारी पलटी !

जो काम बीजेपी के साथ रह कर 13-14 माह में नहीं कर सके नीतीश कुमार
वही काम पिछले 6-7 महीने में आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने कर दिखाया… नीतीश ने अपने कठोर निर्णय से मारी पलटी !
नीतीश कुमार के हृदय का अचानक परिवर्तन हुआ…आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का यही कमाल है !

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से जहरीली शराब से हुई मौत के मामले में मुआवजा दिये जाने का ऐलान किये जाने के बाद राजनीतिक गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है… कहने वाले कह रहे हैं… बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरजेडी प्रमुख लालू की राजनीति का जादू चल पड़ा है… लालू के बिहार में एंट्री होने के बाद से नीतीश की चाल की रफ्तार उसी तरफ जा रही है… जिस लालू यादव चाहते हैं… कभी नीतीश में एक सख्त फैसले को लेकर चर्चा में बने रहते थे… वो उनका टीआरपी प्वाइंट रहा… बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लाख चाहा कि नीतीश चाचा अपने इस टीआरपी प्वाइंट में बदलाव करे लेकिन नीतीश टस से मस नहीं हो रहे थे… अब जबकि आरजेडी चीफ लालू यादव की सेहत ठीक है… राजनीति के फैसले लेने लायक हो चुकी है… तो लालू के एक्टिव होने के बाद नीतीश ह्रदय में परिवर्तन हो रहा है…. ये सब लालू यादव का ही कमाल है… जो काम बीजेपी के साथ रह कर 13-14 माह में नहीं कर सके नीतीश कुमार… वही काम पिछले 6-7 महीने में आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने कर दिखाया… नीतीश ने अपने कठोर निर्णय से पलटी मारी हैं…
दरअसल, कुछ दिन पहले तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और तमाम मंत्री एक बात दोहरा रहे थे-जो पियेगा,वो मरेगा… जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा देने का सवाल कहां उठता है… लेकिन नीतीश कुमार के अचानक हुए हृदय परिवर्तन पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं… सियासी गलियारे में चर्चा है… जो काम बीजेपी साथ रहकर 13-14 माह में नहीं कर सकी, लेकिन वही काम पिछले 6-7 महीने में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कर दिखाया…

कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार का यह जो अचानक हृदय परिवर्तन हुआ है, ये आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का कमाल है… जानकारों की मानें तो लालू यादव के दबाव में नीतीश कुमार को अपने कठोर निर्णय से पलटी मारी… कारण कि आरजेडी का मानना है कि जहरीली शराब से मरने वाले सारे गरीब हैं और वही आरजेडी के मतदाता हैं, ऐसे में लिहाजा उनके परिवार को मदद दी जानी चाहिये…

वैसे देखा जाए तो बिहार में 2016 से लेकर अब तक जहरीली शराब से मौत के आंकड़ों में खूब हेराफेरी हुई है… जहरीली शराब से मौत के हर वाकए में मृतकों की जितनी संख्या सामने आई, उसे सरकार ने खारिज कर दिया… सरकारी आंकड़ा कई गुणा कम रहा… जबकि 2016 से से लेकर अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब से होने की बात सामने आ चुकी है… हालांकि सरकार कुछ लोगों की मौत होने की ही बात मानती है। लेकिन जहरीली शराब से मौत के बाद लोगों में पनपे आक्रोश का अंदाजा आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को हो गया है… दरअसल, जहरीली शराब से ज्यादातर दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों की मौत हो रही है… हर घटना के बाद लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है… महागठबंधन में शामिल दलों को लग रहा है कि उनके सियासी अरमान शराब में ही डूब कर खत्म हो जायेंगे… लिहाजा सात सालों तक चीखने-चिल्लाने के बाद नीतीश कुमार ने यू-टर्न मारा है…

विधानसभा में जहरीली शराब पीकर मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे बीजेपी पर मुख्यमंत्री आपा खो बैठे थे… बौखलाये नीतीश कुमार सदन के अंदर तू-तड़ाक पर उतर आये थे… उन्होंने कहा था कि जहरीली शराब से मौत पर मुआवजे की मांग करने वाले ही लोगों को शराब पिला रहे हैं…मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर जगह चीख- चीख कर कह रहे थे-“जो पियेगा, वह मरेगा… शराब पीकर मरने वालों पर कोई रहम नहीं होगा… नीतीश कुमार ही नहीं बल्कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और सरकार के दूसरे मंत्री भी अड़े हुए थे-शराब पी कर मरने वालों को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा… लेकिन आज अचानक से नीतीश कुमार ने यू टर्न मार लिया….

अब नीतीश के मुआवजे वाले ऐलान के बाद सरकार ने एक साथ कई प्रेस कांफ्रेंस किए। संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने मीडिया के सामने लंबी-चौड़ी सफाई दी… उसके बाद उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि कैसे मुआवजा मिलेगा और फिर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के साथ मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक ने प्रेस कांफ्रेंस कर समझाया कि सरकार मुआवजा कैसे देगी… आनन फानन में इसका पत्र भी जारी कर दिया गया है… तो कुल मिलाकर जहरीली शराब पीकर मरने वालों को अब मुआबजा मिलेगा… लेकिन सरकार ने ये क्यों नहीं बताया… जहरीली शराब को गोरखधंधा कब रुकेगा…