नई दिल्ली, 14 दिसम्बर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को यहां भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला और सरकार की कुनीतियों के कारण देश में पैदा हुई समस्याओं के खिलाफ संघर्ष करने का पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज देश में अंधेर नगरी चौपट राजा जैसा माहौल है, जिसके खिलाफ कड़े संघर्ष की जरूरत है।
सोनिया गांधी ने पार्टी की ओर से यहां रामलीला मैदान में आयोजित भारत बचाओ रैली में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, आज देश में अंधेर नगरी चौपट राजा जैसा माहौल है। पूरा देश पूछ रहा है कि सबका साथ सबका विकास कहां है।
सोनिया ने सवाल किया, अर्थव्यवस्था इस तरह क्यों तबाह हो गई? रोजगार कहां गए? इस बात की जांच होनी चाहिए कि नहीं कि जिस काले धन को बाहर लाने के लिए नोटबंदी की गई, वह बाहर क्यों नहीं आया, वह किसके पास है? इसकी जांच होनी चाहिए कि नहीं कि आधी रात को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू करने के बाद मोदी सरकार का खजाना खाली क्यों हो गया? इसकी जांच होनी चाहिए कि नहीं कि आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की जेब काटकर मोदी सरकार ने जो लाखों-करोड़ रुपये ले लिए वे कहां हैं? इसकी जांच होनी चाहिए कि नहीं कि नवरत्न कंपनियां क्यों और किन्हें बेची जा रही हैं?
उन्होंने कहा, काफी समय से देश की हालत बहुत गंभीर हो गई है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम घर से निकल कर इसके खिलाफ आंदोलन करें। सबकी जिंदगी में कभी न कभी ऐसा वक्त आता है जब उसे इस पार या उस पार का फैसला लेना पड़ता है। आज वह वक्त आ गया है। देश को बचाना है तो हमें कठोर संघर्ष करना होगा। आज हमारे युवा इस तरह की बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं जैसा कि दशकों तक नहीं हुआ। बच्चे नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं। लगी लगाई नौकरियां उनके हाथ से जा रही हैं। उनके सामने अंधेरा ही अंधेरा है।
सोनिया ने जनसमूह को ललकारते हुए कहा, मैं आपसे पूछती हूं कि हम युवाओं के भविष्य के लिए कठोर संघर्ष के लिए तैयार हैं कि नहीं? अन्नदाता किसान भाइयों की परेशानियां इतनी बढ़ गई हैं, उनका जीना और भी ज्यादा मुश्किल हो गया है। उन्हें समय पर बीज नहीं मिलता, आसानी से खाद नहीं मिलती। पानी बिजली की सुविधाएं ठीक से नहीं मिलतीं। इतनी कठिनाइयों के बावजूद फसल के दाम भी नहीं मिलते हैं। तो हम अपने किसान भाइयों के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार हैं कि नहीं?
उन्होंने आगे कहा, हमारे कामगार मजदूर भाई-बहन सर्दी, गरमी, बरसात की परवाह किए बिना दिन-रात मजदूरी में लगे रहते हैं फिर भी उन्हें ठीक से दो रोटियां नहीं मिल रही हैं। छोटे-बड़े कारोबारियों ने बैंकों से कर्ज लेकर काम-धंधा शुरू किया है, वे मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण तबाह हो गए हैं। वे समय पर बैंक का कर्ज नहीं दे पा रहे हैं और पूरे परिवार के साथ आत्महत्या की खबरें आ रही हैं। क्या हम सब उनके लिए संघर्ष करने के लिए तैयार हैं कि नहीं?
महिलाओं को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा, मुझे अहसास है कि मेरी प्यारी बहनों को परिवार पालने के लिए कितना समझौता करना पड़ता है। आप मेहनत करती हैं, पेट काटकर परिवार पालती हैं। रोजमर्रा की चीजों की कीमत सीमा से बाहर होने के कारण आपकी नींद हराम हो गई है। उनके ऊपर जिस तरह की जुल्म और बर्बरता हो रही है, उसे देखकर हमारा सिर शर्म से झुक जाता है। अपनी मां बहन और बच्चियों की इस हालत के खिलाफ हम संघर्ष करने के लिए तैयार हैं कि नहीं?
सोनिया के इन आह्वानों पर हर बार जन समूह की तरफ आवाज आई हां, हम तैयार हैं।
गांधी ने अच्छे दिन पर तंज कसते हुए कहा, जनता का पैसा, बैंकों तक में सुरक्षित नहीं है। आम आदमी अपना पैसा न घर में रख सकता है और न बैंकों से निकाल सकता है। मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी), शाह (गृहमंत्री अमित शाह) इसको कहते हैं अच्छे दिन।
उन्होंने कहा, अब ऐसा दिन आ गया है जब मर्जी आए कोई धारा लगा दो, कोई धारा हटा दो, प्रदेशों का दर्जा बदल दो, जब मर्जी आए राष्ट्रपति शासन हटा दो, बिना बहस कोई भी विधेयक पारित कर दो।
उन्होंने कहा कि ये (केंद्र सरकार) संविधान दिवस मनाने का दिखावा करते हैं और हर रोज संविधान की धज्जियां उड़ाते हैं।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, मोदी, शाह को इसकी परवाह नहीं है कि वे जो सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) लाए हैं, वह भारत की आत्मा को तार-तार कर देगा, जो असम और अन्य पूर्वोत्तर के राज्यों में हो रहा है। मैं दावे से कह सकती हूं कि हमारे देश का बुनियादी स्वभाव ऐसे कदमों की इजाजत नहीं दे सकता।
उन्होंने कहा, मोदी, शाह सरकार को न संसद की चिंता है न संवैधानिक संस्थाओं की परवाह है। मोदी, शाह का एक ही संकीर्ण एजेंडा है कि लोगों को लड़वाओ और असल मुद्दों को छिपाओ।
उन्होंने कहा, नाइंसाफी सहना सबसे बड़ा अपराध है, इसलिए मोदी, शाह को अपनी आवाज बुलंद करके बताइए कि लोकतंत्र की रक्षा और संविधान की रक्षा के लिए हम कोई भी कुर्बानी देने और हर संघर्ष के लिए तैयार हैं। हम अंतिम सांस तक देश, लोकतंत्र और सविधान की रक्षा का अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे।
–आईएएनएस