• कांग्रेस प्रदेश में जमीन खोजने के लिए तलाश रही राह !
  • संगठन की मजबूती को लेकर एक्शन में यूपी कांग्रेस
  • लेकिन जिला कमेटियों का गठन बड़ी चुनौती
  • अबतक नहीं हुआ है जिला कमेटियों का गठन

कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपी कांग्रेस बेकरार है.,… बेताब है…. अपनी जमीन तलाशने के लिए हर उस रास्ते पर चल रही है…. जिससे पार्टी को फायदा मिल सकता है… कांग्रेस का लक्ष्य अब बस यही है… 2022 में यूपी में अपनी पैठ बनाना…. इसके लिए कांग्रेस में परिवर्तन का दौर जा रही है…. इसके लिए प्रदेश की कमान अजय कुमार लल्लू को सौंपी गई है…. जब से अजय प्रदेश अध्यक्ष बने हैं… तबसे वो एक के बाद एक फैसले कर रहे हैं…. इसके लिए यूपी कांग्रेस कमेटी की बैठक प्रदेश मुख्यालय लखनऊ मौजूद नेहरू भवन में सम्पन्न हुई…. बैठक में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे…. प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी पदाधिकारियों में कार्यक्षेत्र बांटे गए… इस दौरान प्रत्येक सचिव को उनके जिलों का प्रभार आवंटित हुआ… और महासचिवों में ज़ोन बांटे गए….. बैठक में जल्द ही जमीनी स्तर पर संगठन निर्माण को पूरा करने का निर्णय लिया गया…..जिला कमेटियों में स्थानीय सामाजिक समीकरण पर फोकस किया जाएगा… और संघर्षशील युवाओं को तरजीह दी जाएगी….  प्रदेश कमेटी की तर्ज पर जिला कमेटियों में भी अब एक निश्चित ढांचे और निश्चित संख्या की होंगी….. जिला कमेटी पहले की तुलना में छोटी होगी….हर पदाधिकारी की निश्चित जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित होगी…..कुल मिलाकर देखे तो इस बैठक में हर वो फैसला लिया गया… जिससे कांग्रेस की नींव मजबूत हो सकती है

आपको बता दे… कि यूपी में कांग्रेस अर्से से हाशिए पर चली गई है…. संगठन के नाम पर उसके पास प्रदेश स्तर के कुछ नेता भर हैं…. 47 जिलों में अध्यक्षों की घोषणा तो पार्टी ने कर दी है… लेकिन बाकी बचे जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति और जिला कमेटियों के गठन की चुनौती अभी पार्टी के सामने खड़ी है…. जिसे जल्द पूरा करना होगा.,.. ताकि कांग्रेस यूपी की सियासत में अपने लिए फिर से रास्ता तलाश सके….अपनी जगह बना सके हैं… लोकसभा चुनाव में जो भीषण हार मिली है… अपने गढ़ अमेठी में जो मुंह की खानी पड़ी है…. सिर्फ रायबरेली की सीट को ही जीत कर जो संतोष करना पड़ा है… और उसी संतोष से राहुल और उनकी पार्टी कांग्रेस के अंदर जो असंतोष पना है…. उसे फिर से अपनी मेहनत और अपनी राजनीति से हासिल किया जा सके… लेकिन ऐसा तभी हो सकता है… जब सबकुछ तय समय पर होगा