उम्मीद है कि झांसी में कथित खनन माफिया पुष्पेंद्र एनकाउंटर केस भूले नहीं होंगे… याद तो होगी ही.… इसी धरती पर पुष्पेंद्र यादव एक दरोगा के निशाने पर आ गया…पुलिस ने उसे खनन माफिया मानकर गहरी नींद में सुला दी थी… मौत दे दी… उसके बाद पूरा परिवार गम से गमगीन हो गया… मातम में अब भी डूबे हुए हैं…. पुष्पेंद्र के चले जाने के बाद अवसाद में डूबे परिवार को तब सांत्वना देने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद झांसी आए थे…. भरोसा दिलाया था… अन्याय के खिलाफ जंग में उन्हें न्याय दिलाकर रहेंगे…. चाहे जो भी करना होगा… वो करेंगे…. पुष्पेंद्र को न्याय दिलाकर रहेंगे… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कई दिन के बाद भी, अब भी पुष्पेंद्र को न्याय दिलाने के रास्ते पर हैं…. पुष्पेंद्र हीं नहीं वो इलाहाबाद, कन्नौज, मेरठ के पीड़ितों का दर्द भी उन्हें याद है…. अखिलेश नहीं भूले हैं…. तभी तो हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी… जिसकी 18 अक्टूबर को दिनदहाड़े घर में घुसकर गोली मारकर… धारदार हथियार से हत्या कर दी थी….जिसके परिवार पर राजधानी की सड़क स्याह रात पुलिस बर्बरता बरसाई थी…. उसी कमलेश के परिजन ने जब सीएम योगी से मुलाकात की…. तो अखिलेश की ओर से एक ट्वीट हुआ…. ट्विट में अखिलेश ने लिखा प्रदेश की राजधानी में सरेआम हुई बेख़ौफ़ हत्या के शिकार मृतक के शोक-संतप्त परिवार से मिलना यथोचित क़दम है । आशा है माननीय मुख्यमंत्री जी ऐसी ही सहृदयता इलाहाबाद, कन्नौज, झाँसी और मेरठ में भी प्रकट करने जाएंगे, जहां प्रदेश की बदहाल क़ानून-व्यवस्था के शिकार अन्य लोगों के परिजन रहते हैं ।

20 अक्टूबर को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने लखनऊ में मारे गये हिन्‍दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी के परिजन से मुलाकात की थी… इस दौरान उन्‍होंने पीडि़त परिवार को पूरी मदद का आश्‍वासन देते हुए कहा कि सरकार इस गम्‍भीर मामले की गहराई से जांच कर रही है और इसके दोषी लोगों को कतई बख्‍शा नहीं जाएगा

अखिलेश का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ये तंज है…. या फिर उन्हें एहसास दिलाने की कोशिश है… वारदात के शिकार लोगों के दर्द को पहुंचाने का तरीका… क्या है ये … वास्तव में अगर देखा जाए… तो योगी सरकार बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर कटघरे में है…. आए दिन कुछ ना कुछ ऐसा हो जाता है… जिसका शिकार जनता बनती है…. आखिर उसी जनता को तो पुख्ता सुरक्षा दिलाने के मकसद, दावे, वादे के नाम पर बीजेपी ने यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई… योगी आदित्यनाथ पर ऐतबार कर पार्टी ने उन्हें यूपी की कमान सौंपी… मुख्यमंत्री योगी ने भी तो कुख्यात बदमाशों के मोराल को ध्वस्त करने के लिए यूपी पुलिस को खुली छूट दे दी… लेकिन इन सबके बावजूद यूपी में वो हो रहा है… जिसके बारे में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोचा होगा… मानकर चलिए बिगड़ती कानून व्यवस्था ने विपक्ष को यूपी में संजीवनी दे दी है… सवाल उठाने का मौका दे दिया… मायावती ने भी ट्वीट किया है… लिखा है यूपी में जबसे बीजेपी सरकार बनी है तबसे इस बड़े व महत्त्वपूर्ण राज्य में हर प्रकार के अपराध व सनसनीखेज घटनाएं अत्याधिक बढ़ती जा रही हैं, जिससे आमजनजीवन दुःखी व त्रस्त है। सरकारी उपायों से जनता को कोई राहत नहीं मिल रही है। सरकार जनहित में पूरी लगन व निष्ठा से काम करे तो बेहतर होगा।

प्रजातंत्र की ये खूबसूरती है… कि यहां जनता सत्ता पक्ष को जितनी ताकत देती है… उतनी ही ताकत विपक्ष को भी मिलता है… ताकि संतुलन बना रहे… विपक्ष का सवाल उठाना है… जनता से जुड़े मुद्दे को सरकार तक पहुंचाना है…. उनकी दुश्वारियां और कठिनाईयों से वाकिफ कराना है…. और यही काम अखिलेश कर रहे हैं… मायावती भले देर आई हो लेकिन वो अपने दायित्व को निर्वाह कर रही है…. अब योगी सरकार के लिए चुनौती बस यही कि वो अपनी विश्वसनीयता कैसे बनाते है… जैसी विश्वसनीयता उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में हासिल की थी