कब खत्म होगा कोरोना का कहर ? astrotantramantra.com ने UP News को बताया क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र

25 मार्च 2020 से नववर्ष नवरात्री विक्रम संवत 2077 प्रारम्भ होने जा रहा है, इस संवत का नाम “प्रमादी” संवत् है, प्रमादी संवत् 60 संवतों में 47वाँ संवत् है, इस संवत् के राजा बुध ग्रह है, बुध ग्रह के देवता श्री गणेश है, जो सभी कष्टों को दूर करने वाले है, मंत्री चन्द्रमा है, यानि भगवान शिव जिनको महामृत्युंजय कहा गया है, जो सम्पूर्ण विश्व को भयंकर रोगों के कष्टों से मुक्ति दिलाने वाले है, इस संवत् में मेष संक्रांति 14 अप्रैल 2020 से.., कोरोना जैसी महामारी का प्रभाव धीरे-धीरे कम होता चला जायेगा, विश्व में भले ही यह महामारी लम्बे समय तक देखने को मिल सकती है, पर भारत में निश्चित रूप से इसका प्रभाव कम होने लगेगा। इस महामारी से बचने के लिए आपसी संपर्क कम रखे और अपनी सरकार के निर्देशनों का ही अवश्य पालन करे।

सन् 2019 के राजा थे शनिदेव

वर्ष 2019 में 6 अप्रैल से विक्रम संवत् 2076 आरम्भ हुआ था, इस संवत् 2076 का नाम परिधावी था, इस संवत् के का राजा शनि देव और मन्त्री सूर्य देव थे, शनि देव न्याय के देवता कहे जाते है, पर ज्योतिष की दृष्टि से जिस वर्ष के राजा शनि देव हो, उस वर्ष विश्व में भयंकर अकाल, महामारी, विश्व युद्ध जैसी समस्या उत्पन्न होती है।

101 वर्ष पहले भी हुई थी, स्पैनिश फ्लू (Spanish Flu) महामारी

13 जनवरी 1918 से दिसंबर 1920 तक, स्पैनिश फ्लू (Spanish flu) महामारी ने ली थी, 500 मिलियन लोगों की जान, जो दुनिया की आबादी का एक चौथाई था। मरने वालों की संख्या 17 मिलियन से 500 मिलियन तक थी, जो मानव इतिहास में सबसे घातक महामारियों में से एक है।

संवत् 1918 के भी राजा थे शनिदेव

नववर्ष नवरात्री, विक्रम संवत् 1973, 21 अप्रैल सन 1917 में दिन, शनिवार के दिन विक्रम संवत् प्रारंभ हुआ था, इस संवत का नाम “अंगीरा” था, इस वर्ष के राजा भी शनिदेव ही थे।

सूर्य ग्रहण है महामारी का मुख्य कारण

ज्योतिष की दृष्टि से स्पैनिश फ्लू (Spanish Flu) और कोरोना (CORONA COVID-19) जैसी महामारी का मुख्य कारण सूर्य ग्रहण से है, 14 दिसंबर 1917 के सूर्य ग्रहण के 101 वर्ष बाद और 26 दिसंबर 2019 जो सूर्य ग्रहण पड़ा, दोनों ही सूर्य ग्रहण में राहु ग्रह का सम्बन्ध धनु राशी से है, और दोनों ही सूर्य ग्रहण मूल नक्षत्र में पड़े है।