को करि तर्क बढ़ावै साखा… होइहि सोइ जो राम रचि राखा… जिस दिन राम मंदिर पर फैसला आया… मानो भगवान राम धरती पर उतर आए हों… अयोध्या पर फैसले के दिन यूपी में बीते ढाई साल में पहला मौका था जब पूरे प्रदेश में एक भी वारदात नहीं हुई… फैसले के दिन उत्तर प्रदेश पूरी तरह अपराधमुक्त रहा… ऐसा लगा जैसे फिर से रामराज्य आ गया… सीएम योगी ने राज्य के सभी अधिकारियों को साफ लहजे में कह दिया था कि सुरक्षा प्रबंधों में किसी भी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए… हालांकि योगी आदित्यनाथ और डीजीपी ओपी सिंह के बीच शुक्रवार से लेकर शनिवार देर शाम तक दर्जनों बार बातचीत हुई… इसी का नतीजा था कि अयोध्या का जिस दिन फैसला आया… उस दिन प्रदेश में एक भी घटना नहीं हुई… इस तरह से फैसले के दिन यूपी पूरी तरह से अपराधमुक्त रहा

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दिन उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन सतर्क था… मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद लगातार सक्रिय थे और पल-पल की अपडेट ले रहे थे… इतना ही नहीं फैसले के दिन सीएम योगी यूपी 112 के कंट्रोल रूम में पहुंच गए… कंट्रोल रूम में पहुंचकर खुद ही प्रदेश के हर जिले के डीएम, एसएसपी और एसपी को कानून-व्यवस्था बनाए रखने की हिदायत देने लगे… अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार के दिन यानी 9 नवंबर को अपना फैसला सुनाया… उस दिन पूरे उत्तर प्रदेश में रामराज्य जैसा नजारा देखने को मिला… सूबे में बीते ढाई साल में शनिवार को पहला मौका था जब पूरे प्रदेश में एक भी हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार और डकैती जैसी कोई वारदात नहीं हुई… अयोध्या पर फैसले वाले दिन यानी 9 नवंबर की घटनाओं के लिए जब जोन स्तर से डीजीपी मुख्यालय ने आंकड़े जुटाने शुरू किए… तो हर जोन से गंभीर अपराध के सभी मामले शून्य-शून्य आने लगे… डीजीपी मुख्यालय को एक बार तो इन आंकड़ों पर विश्वास नहीं हुआ और जिलों से चेक कराने के बाद दोबारा आंकड़े मांगे गए तो भी रिजल्ट सेम ही रहा… इससे सभी हैरत में थे और इसे रामराज्य से जोड़कर देख रहे थे