पटना, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। जनतांत्रिक विकास पार्टी (जविपा) के नेता और कार्यकर्ता बुधवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को वापस लेने की मांग को लेकर पटना सहित राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर धरने पर बैठे।

इस दौरान पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर पार्टी के अध्यक्ष अनिल कुमार सहित कई प्रमुख नेता धरने पर बैठे और केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा।

धरना के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा, बहुमत के अहंकार में चूर मोदी सरकार ऐसे काम कर रही है, जिससे देश में सांप्रदायिक सौहार्द, राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता, धर्मनिरपेक्षता और यहां तक कि संविधान पर भी खतरा उत्पन्न हो गया है। वहीं, दूसरी ओर आरएसएस की गोद में जाकर बैठने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने राज्य की कोई चिंता नहीं है।

सीएए को संविधान विरोधी बताते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो पार्टी और बड़ी लड़ाई लड़ने को तैयार है।

कुमार ने कहा, सीएए राष्ट्र की नींव को खोखला करने वाला कानून है। यह न केवल संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचारों के विरुद्ध है, बल्कि संविधान की आत्मा के भी खिलाफ है। इस देश विरोधी कानून का विरोध करना हर देशवासियों का पुनीत कर्तव्य है।

उन्होंने आगे कहा, आज देश में भय और अशांति का माहौल है। अराजकता व्याप्त है, लेकिन मोदी सरकार नीरो की तरह चैन की वंशी बजा रहे हैं। ऐसे लोगों को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। यहां तक कि इसके खिलाफ पूरे देश में चल रहे छात्र आंदोलन को कुचलने में मोदी सरकार तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है और छात्रों को प्रताड़ित कर रही है।

उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की बात करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसे लोकसभा और राज्यसभा में तार-तार होने के लिए छोड़ दिया। नीतीश ने तो कुर्सी के लिए पार्टी के संविधान को भी दरकिनार कर दिया। एक ओर केंद्र की मोदी सरकार काला कानून बना रही है और दूसरी ओर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा भी नहीं दे रही है।

धरना में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मंडल, प्रदेश उपाध्यक्ष बिंदेश्वरी मंडल, संजय मिश्रा, दशरथ पासवान, तुलसी मांझी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

–आईएएनएस