बीजेपी की रणनीति पर शिवपाल का बड़ा बयान
शिवपाल ने कई बार ठुकराया बीजेपी के ऑफर
कहा- बीजेपी में आने के कई बार मिले मौके
सपा से गठबंधन करना पहली प्राथमिकता
बीजेपी ने क्या कभी सपा के खास योद्धा रहे… प्रसपा अध्यक्ष को अपने पाले में लाने की कोशिश की है…. ये वाजिब सवाल है….वाजिब अंदाज में आपसे अपने तरीके से अपने अंदाज में अपना समझकर अपना मानकर अपने से ऊपर समझकर आप सबके लिए आप से ही सवाल कर रहा हूं… आप अगर राजनीति के जानकार है…. प्रखर विद्वान हैं… तो कृपया बता दीजिए….. वैसे जो समझ में आता है… जो अब तक राजनीति की किताब को पढ़ने वाला वाला मैं, जो कभी कभी राजनीति के धुरंधरों पर कुछ बाते अपने तरीके से लिखता आया हूं…. उसी मैं के मुताबिक, शिवपाल की जुबां से निकले शब्दों की जुबानी आज कह रहा हूं…. हो सकता बीजेपी ने कई बार कोशिश की होगी… शिवपाल को अपने के घर में दाखिल कराने की…. गठबंधन करने का… हालांकि ये बात और है…. शिवपाल अब भी अकेले हैं… अकेले ही अपनी प्रसपा के साथ यूपी की सियासत के मैदान बीजेपी से लोहा लेने के लिए बेकरार हैं…. ऐसा लगा रहा है… गठबंधन तो करके रहेंगे… प्राथमिकता में अब भी सपा ही है… बीजेपी के खिलाफ तो आवाज उठाएंगे… अब कहने वाले अगर कहते हैं… कि शिवपाल बीजेपी के ऐजेंट हैं… तो बकौल शिवपाल उन्हें कई बार बीजेपी की ओर से मौके मिले…. लेकिन उन मौकों शिवपाल ने कभी मौका ही मौका बनने तो नहीं दिया
प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव यूपी की सियासत के लिए एक जाना पहचाना नाम हैं…. कहा जाता है… जब उनके बड़े भाई मुलायम सिंह यादव ने सपा की नींव रखी…. तो उसकी बुनियाद बनाने में शिवपाल की बड़ी भूमिका रही…. उनके संगठन को मजबूत करने की दक्षता को इसी बात से आंका जा सकता है… मुलायम से लेकर अखिलेश सबकी ख्वाहिश रही… कि प्रसपा का सपा में विलय हो जाए…. लेकिन शिवपाल की चाहत बस यही है… कि उनकी पार्टी प्रसपा का 2022 के लिए सपा से गठबंधन हो जाए… लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है…. ऐसे में सवाल उठता है… क्या मुलायम, शिवपाल और अखिलेश फिर कभी अपनी बनाई सपा के आशियाने में एक कुर्सी पर बैठकर और टेबल पर अपनी रणनीतियों को कभी अमलीजामा पहना पाएंगे… ऐसा अभी लगता नहीं है…. इतना जरूर है कि शिवपाल की ख्वाहिश है…. उनकी पहली प्राथमिकता… पहली पंसद बस यही है…. सपा से गठबंधन हो जाए
बहरहाल शिवपाल की जुबां से निकली बात से बीजेपी किस अंदाज में अपनी सियासत की रफ्तार को बढ़ाती है… इसका एहसास तो हो ही गया होगा… शिवपाल ने कहा… बीजेपी जाने के कई मौके मिले…. लेकिन मौके को भुनाया नहीं… ये शिवपाल की बड़ी बात है… बड़ा बयान है…. अब इसे क्या कहेंगे… अखिलेश इसे किस तरीके से लेंगे…. क्या वो शिवपाल की उस ख्वाहिश का मान रखेंगे… जिसमे यही है… कि 2022 के लिए सपा से प्रसपा का गठबंधन हो जाए… अगर ऐसा नहीं होता है… तो फिर सपा की जगह प्रसपा किसके साथ गठबंधन करेगी