योगी सरकार ने वापस ले लिया OBC जातियों पर फैसला
17 OBC जातियों को अनूसूचित जाति में शामिल कर लिया था
सरकार के फैसले पर इलाहाबाद कोर्ट ने आपत्ति दर्ज की थी
कानूनी त्रुटियों की वजह से अब वापस लेना पड़ा फैसला

योगी सरकरा को जून में लिए गए अपने एक फैसले पर यू टर्न लेना पड़ा है .. ये फैसला 17 अति पिछड़ी जातियों को अनूसूचित जाति में  शामिल करने का था .. योगी सरकार ने जून महीने में प्रदेश की 17 अति पिछड़ी जातियों को अनूसूचित जाति में शामिल करने का आदेश जारी कर दिया था .. देश में आरक्षण के लिए बने कानून की वजह से इलाहाबाद हाइ कोर्ट ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति भी की थी ..तब सरकरा को ये फैसला वापस लेना पड़ा था .. अब उत्तर प्रदेश सरकार 17 ओबीसी जातियों को एससी का सर्टिफिकेट नहीं दे सकेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के इस फैसले को गलत बताया था। सरकार के फैसला वापस लेने के बाद अब 17 जातियां ओबीसी वर्ग में ही रहेंगी। सरकार ने इनको एससी वर्ग में शामिल करने का आदेश जारी कर दिया था… योगी सरकार ने जून में पिछड़ी जातियों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया था.. इसके तहत 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल कर दिया था। इन जातियों को अनुसूचित जातियों की लिस्ट में शामिल करने के पीछे सरकार का कहना है कि यह जातियां सामाजिक और आर्थिक रूप से ज्यादा पिछड़ी हुई हैं… अब इन 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इसके लिए जिला अधिकारियों को 17 जातियों के परिवारों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया गया… लेकिन कोर्टे के इस आदेश के खिलाफ जाने के बाद सरकरा को ये फैसला वापस लेना पड़ा

और अब इन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जा सकेंगे .. योगी सरकार ने निषाद, बिंद, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर, धीवर, बाथम, मछुआरा, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, धीमर, मांझी, तुरहा, गौड़ जैसी अति पिछडी जातियो को अनूसूचित जाति में शामिल कर लिया था .. योगी सरकार के इस फैसले का उस समय भारी विरोध हुआ था क्योंकि उसने जिस तरह ये कदम उठाया था वो कानून समंत् नही माना गया था .. ये भी कहा गया था कि ऐसा करने के लिए पहले संसद में कानून बनाना बनाना पड़ेगा जो कि केंद्र सरकरा का काम है न कि राज्य सरकरा का .. इसके बाद इस फैसले पर कोर्ट ने भी आपत्ति दर्ज की थी और इसे गलत निर्णय बताया था .. अब यही कारण है कि सरकरा को अपने इस फैसले को वापस लेना पड़ा जिससे सरकरा को अभी और फजीहत उठानी पड़ेगी .. क्यंकि ये तथ्य अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है कि योगी सरकार ने कैस विधि के विरूद्ध ये निर्णय ले लिया था और 17 अति पिछड़ी जातियों को राज्य सरकार के आदेश से अनूसूचित जातियो में शामिल कर दिया था .. जो अब उसे वापस लेना पड़ा है