लखनऊ में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी अब नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिये हैं। मंगलवार को डीजीपी ऑफिस ने प्रदेश के सभी जिलों के कप्तान, आइजी, डीआइजी, एडीजी जोन को एक पत्र भेजकर अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी व अन्य विदेशी नागरिकों को चिह्नित करने का निर्देश जारी किया है। पुलिस अधीक्षकों को भेजे गये मसौदे में कहा गया है कि रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, रोड किनारे और उसके आसपास बसी नई बस्तियों की पहचान की जाये। अभियान के दौरान इन स्थानों पर विशेष सतर्कता बरती जाए और वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई जाए। इन स्थानों पर संदिग्ध लोगों के सत्यापन के दौरान यदि कोई व्यक्ति अपना पता किसी अन्य जिले या राज्यों में बताता है तो उसका डाटा तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही उस जिले व राज्य से उस व्यक्ति का सत्यापन भी कराया जाए। इसके साथ ही ऐसे विदेशियों के फिंगर प्रिंट लेकर ब्यूरो को भेजे जाएं और इसका अलग से जिला वार डेटाबेस तैयार किया जाए।

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी व अन्य विदेशी नागरिकों को चिन्हित कर उसका सत्यापन कराया जा रहा है। इस दौरान अगर कोई खुद किसी अन्य जनपद का निवासी बताता है तो उस जिले से भी सत्यापन कराया जाएगा। सत्यापन के कार्य में लापरवाही बरतने वालों पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। डीजीपी ने कहा कि एनआरसी से इसका कोई लेना-देना नहीं है। आंतरिक सुरक्षा को प्रभावी बनाने के लिए इस अभियान को त्यौहारों से पहले शुरू करने की जरूरत बताई गई है। मसौदे में यह भी कहा गया है कि इस सूची में कई ऐसे व्यक्ति भी हो सकते हैं जो किसी जिले के फरार अपराधी हों। उनकी पहचान त्रिनेत्र एप से कराई जाएगी।

जिला पुलिस प्रमुखों को भेजे गए निर्देश में डीजीपी ने कहा कि यह पता चला है कि बांग्लादेशी अवैध रूप से राज्य में रह रहे हैं और उनमें से कई लापता हो गए हैं। राज्य की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए यहां रहने वाले बांग्लादेशियों और अन्य विदेशियों की पहचान करना और उन्हें सत्यापित करना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिया है कि यह भी पता लगाया जाना चाहिए कि यहां रहने के लिए विदेशियों ने राशन कार्ड, वोटर आइडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे कौन-कौन से दस्तावेज हासिल किये हैं।