एक ही मुस्कुराहट… एक ही कार… एक ही कार्यक्रम… एक ही मंच… एक ही दुश्मन… शिवपाल-रामगोपाल का भाई वाला प्यार किसके लिए खतरे की घंटी ?

बड़े भाई ने छोटे भाई को दिया सम्मान… शिवपाल-रामगोपाल के बीच बढ़ गई नजदीकियां
रामगोपाल-शिवपाल के रिश्तों में गर्माहट… जिसने भी देखा… उसने कहा- जब दो ब्रदर्स मिले… दुश्मन की सियासत हिले
अखिलेश-डिंपल की जोड़ी की ताकत का मिला परिणाम… सपा में ‘राम-शिव’ का अब एक ही मकसद… बीजेपी ही उनका सबसे बड़ा दुश्मन

इस तरह की तस्वीर अब से बहुत पहले कभी देखी होगी… ऐसी तस्वीर तो उस वक्त भी नहीं दिखी थी… जिस वक्त सपा के पितामह मुलायम सिंह यादव हुआ करते थे… ये तस्वीर सपाईयों के जोश को भरने के लिए काफी है… ये तस्वीर सपाईयों के ये दिखाने के लिए काफी है… इस वक्त में जिस सपा के झंडे को उन्होंने थामा… वो एक ऐसे दौर से गुजर रही है… जिसमें उनके नीति नियंताओं का एक ही लक्ष्य है… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के हाथ को मजबूत करना… उसकी सोच को मजबूती के साथ जनता के बीच ले जाना… मुलायम की विरासत के अधिकारी की सियासत को मजबूत करना है… ये तस्वीर दो भाईयों को एक-दूसरे के सम्मान में एक-दूसरे के लिए पुरानी बातों को भूल कर नए तरीके से अपने सबसे बड़े विरोधी बीजेपी से मुकाबला करना…

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के लिए राष्ट्रीय सपा प्रमुख महासचिव और राष्ट्रीय महासचिव एक मंच पर लंबे अरसे के बाद एक साथ पहुंचे… दोनों नेता एक ही गाड़ी में बैठकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे,… दोनों एक साथ मिलकर सदर नगर पालिका प्रत्याशी के लिए वोट मांग रहे हैं…ये तस्वीर काफी लंबे अर्से के बाद देखने को मिली… और ऐसे दृश्य को देखकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में चरम पर पहुंच गया… शिवपाल और रामगोपाल ने समाजवादी पार्टी नगर पालिका प्रत्याशी ज्योति गुप्ता के कार्यालय का उद्घाटन इटावा के मच्छीपुरा में किया… इस मौके पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव और राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव एक साथ एक ही गाड़ी में बैठकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और कार्यालय का उद्घाटन किया… और बीजेपी पर ताबड़तोड़ प्रहार करने से भी नहीं चूके

बहरहाल दोनो ही नेता लंबे अरसे के बाद इटावा में एक साथ एक मंच पर शिरकत करने पहुंचे… आपको बता दे कि सपा से हटकर शिवपाल यादव ने प्रसपा का गठन किया था… जिसके बाद लगातार दोनों ही दिग्गज नेता अपने अपने संगठन के लिए काम कर रहे थे… लेकिन शिवपाल सिंह यादव के सपा में फिर से शामिल होने के बाद अब दोनों ही नेता आम निकाय चुनाव में सपा प्रत्याशी के लिए कार्यकर्ताओं से वोट की अपील कर रहे हैं…दोनों ही नेताओं को एक साथ मंच पर देखने के बाद सपाईयों के जोश और उत्साह चरम जाना मुनासिब था… वैसा ही हुआ… लेकिन शिवपाल और रामगोपाल की एकता जहां अखिलेश के लिए फायदेमंद है… वही बीजेपी के लिए खतरे की घंटी जरूर है…