• ADG ने थानेदारों को सिखाया सबक !
  • 13 थानेदारों को पुलिस लाइन में दौड़ाया 
  • विविचेना रजिस्टर ना लाने पर दी सजा
  • थानेदारों ने लगाए ग्राउंड के 5 चक्कर

अभी कुछ दिन पहले ही ट्रांसफर से नाराज दारोगा ने 65 किलोमीटर दौड़कर जाने का निश्चय किया था….लेकिन पहुंच ना पाया…..अब 13 दारोगाओं को ग्राउंड के 5-5 राउंड लगाना पड़ा है…ADG प्रेम प्रकाश ने इन दारागाओं को उनकी करना की सजा देते हुए कहा कि….सबके सब नौंटकी करने आए हो…जाओं ग्राउंड के राउंड लगाओ…देखिये आखिर क्यों ADG प्रेम प्रकाश ने ऐसा क्यों कहां…आखिर ADG साहब को गुस्सा क्यों आया

तस्वीरों में दिख रहे थानेदार साहब एक दो एक पर कदम ताल नहीं…कर रहे हैं… ये उस फरमान या यूं कहें उस आज्ञा का पालन कर रहे हैं…जिसे adg प्रेम प्रकाश सिंह ने सुनाया है….उस गलती की सजा भुगत रहे हैं….जिसे इन्होंने करने की गुस्ताखी की है….कोई ट्रांसफर से नाराज मिल्खा सिंह बन जाता है ….तो कभी adg साहब थानेदारों को मिल्खा सिंह बनाने का आदेशे दे देते हैं…13 थानेदार एक साथ दौड़ रहे हैं…ये किसी मिशन से पहले की तैयारी नहीं है…इन्हें इनकी करनी की सजा मिली है…अपने आलस….की सजा भुगत रहे हैं

दरअसल जिले में दो दिवसीय दौरे पर एडीजी प्रेमप्रकाश सिंह आए थे…. जिस समय सभी पुलिस कर्मचारियों के साथ कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस लाइन सभागार में बैठक कर रहे थे….अपने नाकारापन के कारण लोगों पर खाकी का रौब झाड़ने वाले 13 थानेदारों को जिले भर के पुलिस अधिकारियों के सामने बेइज्जत होना पड़ा….. बैठक में पहुँचते ही अपर पुलिस महानिदेशक ने उन थानेदारों को खड़ा किया जो विवेचना रजिस्टर लेकर नहीं आये थे. दरोगाओं ने खड़ा होना शुरू किया तो यह गिनती एक एक करके 13 तक पहुँच गयी. इन दरोगाओं के चेहरे देखते ही एडीजी का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया. बोले विवेचना रजिस्टर नहीं लाये तो क्या यहाँ नौटंकी देखने आये. एडीजी ने सभी को फटकारते हुए बैठक से बाहर कर दिया और प्रतिसार निरीक्षक को बुलाकर सभी से पुलिस लाइन ग्राउंड के पांच- पांच चक्कर लगवाने को कहा….. फिर क्या था बैठक में सन्नाटा छा गया….. दरोगा बैठक से बाहर निकलकर प्रतिसार निरीक्षक की कमांड पर पुलिस लाइन ग्राउंड पर दौड़ रहे थे

ADG साहब का ये रुप देख सब हैरत में पड़ गए…सबके गले सूख गए…जो उनकी चपेट में आए उन्हे तो सजा मिल गई….जो बच गए वो यही सोच रहे होंगे की अच्छा हुआ हमने रजिस्टर रखा था…सजा देने के पीछे का मकसद यही होता है कि गलती दोबारा ना हो….अब तो ये 13 थानेदार ही जाने कि आगे से वो इस तरह से गलती करेंगे या नहीं