एक अकेले Shivpal Yadav, Keshav-Brajesh पर भारी !…शिवपाल ने केशव और पाठक को दिया अजब गजब नाम…
शिवपाल विश्वास की दुनिया में बैठे हैं… अखिलेश को ऐसी ऐसी रणनीति बता रहे हैं… कि मोदी-शाह परेशान हो जाएंगे
शिवपाल यादव ने घेरा… डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक पर अपनी आंख तरेरी
केशव-ब्रजेश अखिलेश को ललकार रहे हैं… शिवपाल ने दोनों की ललकार पर मार दी अपनी दहाड़… सबको केशव-ब्रजेश के जवाब का इंतजार
सपा राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव जब से सपा में आए हैं फॉर्म में हैं… जो उनके सामने आ रहे हैं… उनकी राजनीति ध्वस्त सी नजर आ रही है…. शिवपाल के निगाहों में जो समा रहे हैं… उसकी लुटिया डुबनी तय हो जाती है… जैसा रघुराज शाक्य के साथ हुआ… मैनपुरी में जीत के लिए वो बड़ी बड़ी बात कर रहे थे… तभी शिवपाल की एंट्री हुई… और उनके सारे हसीन सपने ध्वस्त हो गए… अब सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव के निशाने पर योगी सरकार के दो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक हैं… बीजेपी में इन दोनों में से एक पिछड़े सामाज के चेहरे के तौर पर स्थापित किए जा रहे हैं… तो दूसरा ब्राह्मण समाज का चेहरा… अब बीजेपी के इन्ही दो खास चेहरों पर शिवपाल यादव ने अटैक किया है… बड़ा प्रहार अपने तरीके से किया है… उन्हें इस तरह से निशाने पर लिया है… कि जवाब नहीं दे पाएंगे…. सोच में पड़ जाएंगे… शिवपाल के इस वार पर किया पलटवार किया जाए… शिवपाल ने केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक का ऐसा नामाकरण किया है… उन्हें ऐसा नाम दिया है… जिससे छुटकारा पाना डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के लिए इतना आसान नहीं होगा…. शिवपाल ने योगी सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्रियों का क्या नाम रखा है… उसके बारे में बताएंगे… उससे पहले जानिए शिवपाल ने 2024 में पीएम मोदी के हैट्रिक को रोकने के लिए क्या संकल्प लिया है… और उसे सिद्ध कैसे करेंगे…
अनुभव से सजी शिवपाल यादव की राजनीति इस वक्त हाइली मोटिवेटड हैं…सबकुछ ठीक उसी तरह से हो रहा है… जैसा वो चाह रहे हैं… राजनीति को जिस ट्रैक पर शिवपाल ले जाना चाहते हैं… उसी ट्रैक पर ले जाने में कामयाब हो रहे हैं… अब देखिए यूपी में अखिलेश और शिवपाल ने पहले ही तय कर लिया था.. किसी भी कीमत पर पीएम मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी की सियासी महत्वाकांक्षा को रोकने के लिए वो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को थर्ड फ्रंट में आने के लिए कन्वेंस करेंगे… क्योंकि अखिलेश-शिवपाल को मालूम है कि थर्ड फ्रंट को ताकतवर बनाने के लिए उसमें ममता बनर्जी का होना जरूरी है… इसलिए जैसे दोनों 17 मार्च को कोलकाता पहुंचे वैसे ही कुछ घंटे बाद ममता बनर्जी से मिलने के लिए उनके पास निकल पड़े… उनसे घंटे भर बात की… 2024 को लेकर प्रारंभिक रणनीति बनाई… इसी दौरान तीसरे मोर्चे को अस्तित्व में लाने के लिए ममता की अहमियत कितनी है… उससे वाकिफ कराया है… ममता बनर्जी को ये एहसास दिलाने में कामयाबी हासिल की… अगर बीजेपी की सियासत को 2024 में ध्वस्त करना है… तो विपक्षी एकता की मुहिम उनका साथ होना जरूरी… ममता बनर्जी भी समझी… और एक तरह से हामी भर दी… और उसके बाद ये बात सामने आ गई पीएम मोदी से लड़ाई के लिए तीसरे मोर्चे के जन्म की नींव रख दी गई है… और इसमे अखिलेश इसलिए कामयाब हो पाए क्यों उनके साथ शिवपाल हैं… शिवपाल का सीधा मानना है… बीजेपी और कांग्रेस एक सियासत के चट्टे बट्टे हैं… दोनों की राजनीति एक ही जैसे ही है… इसलिए जितनी आवाज बीजेपी के खिलाफ बुलंद करनी है… उतनी ही आवाज कांग्रेस के खिलाफ भी बुलंद करनी होगी… ये शिवपाल की राजनीतिक अनुभव का ही परिणाम है… जिसकी वजह से अखिलेश और ममता बनर्जी ये डिकोड करने में कामयाब हुए… राहुल को बीजेपी प्रोजेक्ट कर रही है… राहुल को विपक्ष का चेहरा बनाने का प्रयास किया जा रहा है… और इस बात से ममता पूरी तरह सहमत हुई… तभी टीएमसी की ओर से बयान आया कि वो कांग्रेस राहुल गांधी को विपक्ष का बिग बॉस नहीं मानते हैं… एक तरफ शिवपाल पश्चिम बंगाल में सपा की रणनीति को धार देने में लगे हैं… तो दूसरी ओर कोलकाता योगी सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को अपने निशाने पर ले लिया… दोनों को एक नया नाम दे दिया…
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को शिवपाल ने बड़बोले मंत्री का नया नाम दिया, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को शिवपाल ने छापामार मंत्री के नाम से पुकारा
अब कहेंगे ऐसा क्यों कहा शिवपाल ने… क्योंकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अक्सर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर कुछ ना कुछ कमेंट कर देते हैं… तो कभी उनके निशाने स्वामी प्रसाद मौर्य आ जाते हैं… कभी शिवपाल यादव केशव के निशाने पर रहते हैं… केशव के तर्क को शिवपाल पचा नहीं पाते….अब देखिए ना कभी अखिलेश ने 100 विधायक लाओं मुख्यमंत्री बनने का ऑफर दिया था… अब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए एक तर्क दिया… कहा कि सपा के आधे से ज्यादा विधायक उनके संपर्क में है… वो अखिलेश यादव का साथ छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करना चाहते हैं… 50 से ज्यादा विधायक मिल चुके हैं… अगर इतनी बड़ी पार्टी चलाकर अखिलेश यादव को ये पता नहीं है… तो उन्हें फिर इस बारे में पता करना चाहिए… तो ब्रजेश पाठक स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों की छापेमारी करते आए हैं…लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था की हालात अब भी चरमराई हुई है… इसलिए शिवपाल ने ब्रजेश पाठक छापामार मंत्री के नाम से नवाजा…