किसी फिल्म से कम नहीं था उमेश पाल का मर्डर
असद ने खुद को बचाने की कर रखी थी प्लानिंग


उमेश की हत्या से पहले देखी गई थी ‘दृश्यम’ फिल्म !
असद ने खुद को बचाने के लिए रचा था गेम प्लान ?
अगर CCTV न होता तो बच जाता अतीक का बेटा ?
गुर्गों को काली दुनिया की शोहरत देकर बनाया शिकार ?

फिल्म अभिनेता अजय देवगन की एक फिल्म आपने देखी होगी…दृश्यम..इस फिल्म की कहानी लोगों को खूब पसंद आई थी…अजय देवगन की इस फिल्म से एक कड़ी चुराकर उमेश पाल की हत्या की गई…जी हां…उपेश पाल मर्डर केस में ऐसा खुलासा हुआ है…जिसने लोगों में सनसनी फैला दी है…माफिया अतीक अहमद के बेटे असद ने अपने पिता की पूरी कुर्सी संभाल रखी थी…इसिलिए असद इस मर्डर की वारदात को अंजाम देने के लिए पूरी प्लानिंग में था…लेकिन फिल्मी स्टाइल में…असद खुद सभी शूटर्स का राजा था..इसलिए पहले सारे शूटर्स को अपने साथ रखा..उनको भरोसा दिलाया कि…उनका बॉस उनके लिए कुछ भी कर सकता है…असद जिस प्लानिंग के हिसाब से चल रहा था वो प्लानिंग भी ठीक जा रही थी…अतीक के बेटे असद ने अपने शूटर्स को पाला…और उनकी सारी जरुरतें पूरी कीं…पैसे से लेकर मोबाइल तक..बाइक से लेकर कार तक….जिस शूटर्स को जो चाहिए था..असद देता रहा….लेकिन असद के दिमाग में क्या था…इसका खुलासा हुआ उमेश पाल के मर्डर से तीन महीने पहले….असद उमेश पाल को निपटाने के लिए बड़ी लंबी तैयारी कर रहा था…वो नहीं चाहता था… कि…अगर ऐसा कुछ हो तो उसकी जान को खतरा आए…भले ही उसके गुर्गों की बली चढ़ जाए….इसिलिए असद ने अपनी प्लानिंग में खुद को बचाने के लिए योजना तैयार की….और गुर्गों से बिना बताए खुद के बचने की प्लानिंग को सेट किया….

माफिया अतीक के बेटे ने अजय देवगन की फिल्म की एक मिलती जुलती कड़ी को चुराया….औऱ वारदात वाले दिन अपने फोन को लखनऊ स्थित अपने फ्लैट पर रख दिया था…असद को पता था…कि पुलिस लोकेशन ट्रैश करेगी…इसलिए उसने पहले से ही अपने फोन को लखनऊ भिजवा रखा था…और अपने बंद फ्लैट में ऑन करके रखवा दिया…असद ने अपने रिश्तेदारों और परिवार से भी कह रखा था कि…जो भी पूछेगा यही कहना है कि…वो लखनऊ में था..इसलिए परिवार भी कहता रहा कि..उसका बेटा हत्या वाले दिन लखनऊ में था..उमेश पाल मर्डर के दिन असद ने एक और योजना बनाई थी…और अपने एटीएम से पैसे भी निकलवाया…जिसका लोकेशन था लखनऊ….मतलब साफ है…घटना वाले दिन खुद को बचाने के लिए असद ये चाल चली थी…जब असद ने हत्या का प्लान बना रहा था तो अपने गुर्गों को नहीं बताया…कि वो ऐसा कुछ प्लान कर रखा है…क्योंकि असद ने अपने गुर्गों को कालीदुनिया की शोहरत दे दी थी…जिसमे वो अंधे हो चुके थे…वो नहीं जानते थे कि…कत्ल का रास्ता कुछ भी हो…लेकिन पकड़े जाओगे तो हाल बुरे होंगे…असद ने तो अपने बचने की पूरी प्लानिंग कर रखी थी…लेकिन ये प्लानिंग तब फेल हो गई…जब असद के बिना शूटर्स हत्या को जाने को राजी नहीं हुए….

असद का खेल तब खत्म हुआ जब उसको भी कार से उमेश को मारने के लिए जाना पड़ा…लेकिन इस दौरान वो भूल गया कि…जोश में होश खोना भारी पड़ने वाला है…कार से उतरते ही असद एकदम माफियागिरी में आ गया….सारे बदमाशों ने नकाब बांध रखे थे लेकिन असद अपनी बैठ जमाना चाहता था…असद चाहता था कि एक बार लोग जान जाएं कि अतीक का बेटा है वो…शायद इसिलिए दिनददहाड़े वारदात की जगह चुनी गई….असद के इस खेल का पर्दाफाश सीसीटीवी में कैद होने से हुआ….असद ने तो पूरी तैयारी कर रखी थी…खुद के बचने की…लेकिन वो भूल गया था कि…तीसरी आंख से बचना उसके लिए चुनौती है….उमेश पाल पर गोलियों की बारिश हुई तब गली में जाकर असद ने उसे गोली मारी….इससे साफ हो गया कि…असद अतीक की राह पर चल चुका है…रंगदारी से लेकर धमकी की कामकाज को असद ही देख रहा था…इसलिए गुर्गे पालने की जिम्मेदारी भी उसको ही थी…लेकिन असद की इस गलतियों ने उसके पूरे परिवार को और संकट में डाल दिया….पड़ोसी मदद नहीं कर रहे….जो मदद कर रहा वो भी डर डर के रह रहा है….परिवार रिश्तेदार के यहां शरण ले चुका है..क्योंकि अतीक का कोई अब घर नहीं है….योगी सरकार ने सभी घरों को जमींदोज कर दिया है…..