केंद्र और राज्य सरकारें गरीबों के हित में चाहे जितनी योजनाएं चला रही हों लेकिन वास्तविक पत्रों को अभी भी इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ताज़ा मामला कौशाम्बी जिले का है जहां के कौशाम्बी विकास खंड के कोपसासा गांव के रहने वाले एक अति गरीब को कभी भी किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। काफ़ी पहले कच्चा मकान गिर जाने के बाद बलराम पाण्डेय का पूरा परिवार प्लास्टिक की पन्नी तानकर उसके नीचे गुजर बसर करने को मजबूर हैं। टीबी की बीमारी से जूझ रहे बलराम पांडेय को सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। हालात यह है कि सात लोगों का परिवार मुफलिसी और ग़रीबी के चलते तिल तिल कर जीनों को मजबूर है। सोशल मीडिया में इनका वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आया जिला प्रशासन अब बलराम पांडेय के परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने के साथ ही बीमार बलराम को ईलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ये बलराम पाण्डेय का घर है देखने वालों को भले ही यह घर न लगे लेकिन बीमार बलराम का पूरा परिवार इसी झोपड़ी के नीचे गुज़र बसर करने को मजबूर है। गरीबी में जीवन जी रहे बलराम पांडेय पहले मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का गुराजा कर लिया करते थे। लेकिन कुछ साल पहले बलराम को ऐसी बीमारी लगी जिसके चलते अव वो बिस्तर से ही नहीं उठ पाते हैं।

बीमार लोगों के ईलाज के आयुष्मान कार्ड चलाने वाली सरकार सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का बखान करने से भले ही न थक रही हो लेकिन गरीब बलराम को टीबी के ईलाज के लिए भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। भूमि हीन बलराम को जहां बीमारियों ने जकड़ रखा है वहीं ऐसी हातल में उनके अपने भी उनका साथ छोड़ गए हैं। बलराम का बड़ा बेटा जो पांच साल पहले घर से कमाने के लिए निकला था तब से आज तक वह अपने घर वापस नहीं आया है जबकि बलराम का छोटा बेटा दिव्यांग है। और वह बोल और सुन नहीं सकता है। इतना ही नहीं बलराम की तीन बेटियां अभी भी छोटी हैं जिनकी पढ़ाई और शादी का बोझ भी बलराम के कंधों पर है।

लेकिन सरकारी सुविधाओं के साथ ही गरीबों की मदद करने का दम भरने वाली तमाम स्वयं सेवी संस्थाओं में से किसी ने भी बलराम की सुध तक नहीं ली । मामला सोसल मीडिया में वायरल होने के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन ने चारपाई पकड़ चुके बलराम को ईलाज के लिए जिला अस्पताल भर्ती तो कराया है लेकिन मुफलिसी की जिंदगी जी रहे बलराम के परिवार को अभी तक सरकारी योजनाओं का लाभ क्यों नहीं मिला इस बारे में जिलाधिकारी का कुछ और ही कहना है।