निकाय चुनाव में दिखा बीजेपी का परिवारवाद प्रेम | Nand Gopal Nandi की wife का टिकट काटा तो दूसरे मंत्री के खाते में 2 टिकट…
निकाय चुनाव में बीजेपी का परिवारवाद…बढ़ा विवाद
बीजेपी की खुली पोल…परिवारवाद का झोल !
एक मंत्री को मलाई..दूसरे मंत्री को नीती बताई !
परिवारवाद…वो परंपरा जिसके दम पर बीजेपी डंके के चोट पर चुनावी अभियान का आगाज करती आ रही है…लेकिन निकाय चुनाव में बीजेपी की इस खेल का पोल खुल गया है..योगी सरकार में एक मंत्री की पत्नी का टिकट कट गया…क्योंकि वहां परिवारवाद का जिक्र था…लेकिन दूसरे मंत्री की एक नहीं दो बहनों को टिकट दे दिया गया…फिर यहां क्या था….ये जवाब बीजेपी के पास नहीं होगा…क्योंकि मामला सियासी है…यूपी सरकार में एक ऐसे मंत्री जी हैं जिनके आगे बीजेपी संगठन भी घुटने टेकने को मजबूर है…परिवारवाद को लेकर दूसरी पार्टियों को कोसने वाली बीजेपी अब पस्त हो चुकी है…क्योंकि परिवारवाद की राह पर ही बीजेपी भी चलने लगी है…सीएम योगी ने निकाय चुनाव से पहले खुद कहा था कि…कोई नेता, मंत्री अपने परिवारजनों को टिकट के लिए पैरवी न करे लेकिन ऐसा नहीं हुआ…उनके ही एक मंत्री के आगे संगठन के नियम फेल हो गए…क्योंकि मंत्री जी की दोनों पहनों को निकाय चुनाव में टिकट मिल गया है…एक ही नहीं दो टिकटे मिलने के बाद से ये तो साफ हो गया कि…बीजेपी के साम्राज्य पर मंत्री जी का कितना असर है…योगी के ऐसे मंत्री हैं जो बात बात पर नाराज हो जाते हैं…पहले भी उनकी नाराजगी की खबरें आती रही हैं…शायद बीजेपी पहले से भांप गई थी कि..अगर टिकट नहीं दिया तो नाराज हो जाएंगे…लेकिन बीजेपी को उनकी नाराजगी के आगे अपनी नीति तोड़नी पड़ी…और परिवारवाद पर मुहर लगाना पड़ा..मंत्री जी नाम है दिनेश खटीक…जो बीजेपी के ही विधायक हैं…और योगी सरकार में राज्य मंत्री हैं…परिवारवाद का विरोध करने वाली बीजेपी ने राज्यमंत्री दिनेश खटीक की 2 बहनों को चुनाव मैदान में उतारा है….मेरठ की हस्तिनापुर सीट से विधायक और राज्यमंत्री दिनेश खटीक की एक बहन वर्षा मोघा सहारनपुर के सरसावा से बीजेपी के टिकट पर चेयरमैन का चुनाव लड़ रही हैं….दूसरी बहन सुधा देवी मेरठ की हस्तिनापुर सीट से चेयरमैन की प्रत्याशी हैं….चर्चा है कि पार्टी ने आखिर क्या सोचकर मंत्री की दोनों बहनों को टिकट दिया…. जबकि पार्टी के पास चुनाव में जिताऊ चेहरों और अच्छे प्रत्याशियों की लाइन लगी है…लेकिन फिर भी बीजेपी को मंत्री जी की बहनों को टिकट देना बताता है कहीं न कहीं मामला कुछ गड़बड़ है…शायद इसिलिए बीजेपी संगठन को अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा है….
वीओ3- मंत्री दिनेश खटीक की नाराजगी पहले भी आ चुकी है…विधानसभा चुनाव से पहले भी दिनेश खटीक नाराज हो गए थे…इस बीच मामले को किसी तरह कंट्रोल किया गया था…लेकिन निकाय चुनाव में बीजेपी नहीं चाहती थी कि..किसी मंत्री, नेता के परिवार को टिकट मिले…लेकिन ऐसा नहीं हुआ…मंत्री जी का पावर फुल है…तभी तो टीकट मिल गया..लेकिन अब सवाल भी उठने लगे हैं.,.,,.राजनीतिक जानकारों का मानना है कि…बीजेपी में मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी की पत्नी और प्रयागराज से लगातार मेयर रहीं अभिलाषा नंदी का टिकट परिवारवाद के नाम पर काट दिया गया….वहीं राज्यमंत्री की 2 बहनों को टिकट दिया है…. जिसे लेकर पार्टी पर सवाल उठ रहे हैं…लेकिन अब एक तरफ चोला और दूसरी तरफ झोला का खेल बीजेपी में भी चलने लगा है…आखिर परिवारवार की बात करने वाली बीजेपी एक मंत्री की पत्नी का टिकट काट सकती है लेकिन दूसरे मंत्री की बहनों को टिकट देगी…ये बीजेपी की प्लानिंग कहीं न कहीं अब धीरे धीरे खुलने वाली है….इससे ये तो साफ हो गया कि…बीजेपी परिवारवाद को लेकर भले ही सपा या कांग्रेस पर हमला बोलती है…लेकिन खुद परिवारवाद को बढ़ाया देती है….अब दिनेश खटीक की दोनों बहनों को टिकट दिए जाने पर बीजेपी खेमें में नाराजगी की खबरें भी आ रही हैं..