- ‘सोना’ है तो अब बेचैन हो जाइए !
- चैन से सोने के लिए ‘सोने’ का देना होगा हिसाब !
- अब सोने पर सुहागा नहीं होगा !
सुंदरता में चार चांद लगाने वाला सोना… आज बेचैन है… चैन की सांस लेने के लिए बेकरार है… लेकिन ले नहीं सकता है…. सोने की नींद उड़ी हुई है…. कुछ ऐसा ना हो जाए… जिस घर में वो सालों से डेरा जमाए हुए हैं…. उन घरों से बेदखल ना कर दिया जाए…. मानिए सोना आज लिगली खुद को अकेला महसूस कर रहा है… क्योंकि उस पर सरकार की नजर पड़ गई है…. सरकार से पंगा लेना इतना आसान नहीं है… इसलिए शायद सोना हैरान है… परेशान और हताश है…. सरकार ने नोट के बाद अब सोने पर भी आंखे तरेर ली है… अब सोना को बताना है… वकाई में वो लीगल है… या नहीं…. सोने की ये परेशानी सिर्फ उनकी नहीं… बल्कि उनपर मेहरबान होने वाले…. उनके कद्रदानों की भी है…
आसान भाषा में अब समझिए इस बात को….. सोना अगर आपके पास है… लेकिन उसकी रसीद नहीं है… तो सरकार की नजर में वो कालाधन है…. ये पीली धातु जो आपकी विरासत का हिस्सा है…. उसके लिए आपको सरकार के मताहतो के सामने ये सबूत पेश करने होंगे… कि ये सोना वाकई में आपका ही का सोना है… आपकी दशको पुरानी विरासत का हिस्सा है… आप सोने को नियमों के तहत घर लेकर आए हैं…. इसी फर्क को मिटाने के लिए… सोने को जगजाहिर करने के लिए मोदी सरकार नई आम माफी योजना लेकर आई है…
जिसमे सोने के जमाखोरों को कालेधन के निवेश को वैध बनाने का मौका मिलेगा… इसके लिए उन्हें अपने पास मौजूद सोने का खुलासा करना होगा और टैक्स देना होगा… जो घोषित उस गोल्ड की कीमत पर होगा, जिसे बिना रसीद लिए खरीदा गया था… टैक्स की ये दर 33 फीसदी हो सकती है… तो मानकर चलिए अगर आपको परदादी, दादी, मां की विरासत का अब हिसाब देना ही होगा… आपको सालों पुरानी अपनी आस्था, सभ्यता और संस्कृति के लिए जवाब देना होगा…. जो आपने अपनी मेहनत की गाढी कमाई से खरीदी… उसे अब साबित करना ही होगा… रसीद दिखानी ही होगाी…. अगर रसीद नहीं है… तो मानिए आपका कीमती सोना वैध नहीं है… अवैध है…. इसके लिए सरकार को कीमत अदा कीजिए…. अगर ऐसा नहीं करेंगे… तो फिर क्या होगा… ये आप जान लीजिए…. सरकार की तो बस यही ख्वाहिश है… जो आंकड़े… जो डाटा… जो रिसर्च किया है… जिसके मुताबिक भारत में करीब 30 हजार टन सोने के वास्तविक भंडार होने का अनुमान है… अब अगर इतना सोना है…. तो उसकी कितनी कीमत होगी… ये तो जानते ही होंगे…. सरकार को लगता है… इस कदम से करोड़ों का राजस्व मिलेगा…. और मंदी से हिचकोले खा रही अर्थव्यवस्था को जान मिलेगी…. भले ही आपके सोने की नींद ही उड़ क्यों ना जाए….कही ऐसा तो ऐसा तो नहीं है… सरकार इस गाने की राह पर पड़ी है… राम राम जपना पराया माल अपना