
ये सवाल और इससे ज्यादा ढेरो सवाल अब निकलने वाले हैं… पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी का अबतक जितनों ने साथ दिया… साथ लिया… उनकी राजनीति पर जितनों ने भरोसा किया… उसके विश्वास से अपने विश्वास का तालमेल बैठाया… अब उनके लिए सवाल निकलेंगे… जिसने भी मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के पक्ष में बोला है… उन सब नेता, पार्टियों से अब सवाल किया जाएगा… जवाब मांगा जाएगा… क्यों दिया साथ… मुख्तार अंसारी जब बड़े गुनहगार थे… तो क्यों लिया साथ… पूछा जाएगा… अब तक अंसारी परिवार किस दम से चुनाव जीतता आया… किस भरोसे पार्टियों ने मुख्तार अंसारी, अब्बास अंसारी, अफजाल अंसारी समेत पूरे परिवार को हाथों हाथ लिया… जबकि मुख्तार अंसारी के दामन पर गुनाह के दाग है… मुख्तार अंसारी का जेल में होना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए एक बड़ी उपलब्धि बनाने वाली है… जिसतरह से योगी सरकार ने मुख्तार अंसारी की करोड़ों की संपत्तियों को कुर्क किया…मकानों पर बुल्डोजर चलाया… करोड़ों की जमीन को अपने कब्जे में लिया… अपनी सरकार का चाबुक अंसारी परिवार पर चलाया… वो साबित हो गया कि… योगी सरकार ने जो भी किया ठीक किया…. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं… बल्कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जो कहा उससे साबित हो गया… मुख्तार अंसारी पर कही बात योगी सरकार के लिए उपलब्धि बन गई…. हाईकोर्ट की कही बात… जो हम बताएंगे… उसे तसल्ली से सुनिएगा… समझने का प्रयास जरूर कीजिएगा
पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है… हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में जमानत पर रिहाई से किया… इनकार करते हुए कह दिया… उत्तर भारत में मुख्तार अंसारी की छवि रॉबिन हुड की है… 58 केस के बाद भी मुख्तार अंसारी गैंगस्टर नहीं, तो कोई अपराधी गैंगस्टर नहीं है… कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि याची दुर्दांत और आदतन अपराधी है… उसके ऊपर हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, डकैती, अपहरण और रंगदारी मांगने के 58 मुकदमे दर्ज है… याची 1986 से अपराध की दुनिया में सक्रिय है, लेकिन आज तक उसे सजा नहीं हो सकी… 2014 में आजमगढ़ के तरवां में हुई अंधाधुंध फायरिंग भी गैंग का दहशत दिखाने के लिए की गई थी, जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई थी…
मुख्तार ने गैंगस्टर एक्ट की धारा तीन (एक) के तहत थाना तरवां जिला आजमगढ़ में 2020 में दर्ज प्राथमिकी में जमानत की मांग की थी… ये आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर पारित किया… कोर्ट ने कहा कि याची गैंग लीडर है… 58 आपराधिक केस दर्ज है… लोग भय के कारण किसी केस में गवाही देने नहीं जाते और इसी वजह से उसे किसी केस में सजा नहीं मिल सकी…. अपनी जान की हिफाजत के लिए चश्मदीद गवाह पक्षद्रोही हो जाते हैं….