बस्ती में सपा विधायक को सपा कार्यकर्ता क्यों कह रहा… महेंद्र यादव बेवफा है !
बस्ती में शोर हैं… बागियों का जोर है… इसलिए तो कह रहा है… वो बेवफा है !
सपा विधायक के खिलाफ बागी सपाई का मोर्चा… बस्ती बस हो रही है उसी की चर्चा !
सब कह रहे अच्छा सिला दिया तूने इसके प्यार का… अब सुन लो इसकी बात… ये तो कह रहा… आप तो बेवफा हैं !
बस्ती में सपा विधायक महेंद्र यादव के खिलाफ किसी ने मोर्चा संभाला है… जिसने ऐसा रवैया अपनाया है… वो उनकी अपनी ही पार्टी सपा से नाता रखता है… लेकिन उसके साथ उसके मनमुताबिक जो ना हुआ… तो उसने गली गली शहर शहर एक ही बात कहना शुरू कर दिया… दुकानों के शटर से लेकर पंचर की दुकान तक एक ही तरह का पोस्टर चस्पा कर दिया… महेंद्र यादव बेवफा है…. तो सपा विधायक महेंद्र यादव ने सपा कार्यकर्ता के साथ ऐसा क्या कर दिया कि उसने ये कहना शुरू कर दिया कि महेंद्र यादव बेवफा है… आखिर महेंद्र यादव ने उसके साथ ऐसी क्या बेवफाई कर दी… कि उसने ढिंढोरा पिटना शुरू कर दिया… सबको ये बताने में लग गया… महेंद्र यादव तो बेवफा है… सपा एमएलए महेंद्र यादव ने सपा के उस कार्यकर्ता को आखिर कौन सा दर्द दिया… आखिर उसके विश्वास को किस तरह का जख्म दिया… कि वो कहने लगा कि महेंद्र यादव तो बेवफा है… महेंद्र सपा के उस कार्यकर्ता के लिए क्यों बेवफा है… चलिए आपको बताते हैं…
दरअसल ये नगर निकाय चुनाव वक्त नजदीक आ रहा है… उसके कई रंग देखने को मिल रहे हैं… वैसे तो यूपी में निकाय चुनाव के उम्मीदवारों का नामांकन खत्म हो गया है और अब सभी पार्टियां अपने पूरे दमखम से चुनावी मैदान में ताल ठोक रही हैं… हालांकि इन्हीं पार्टियों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द इस समय इनके ही बागी बन रहे हैं… पार्टियों को ये नहीं समझ में आ रहा है कि वो अपने वोटर को लुभाए या आपने बागी कार्यकर्ताओं को मनाएं… बात की जाए अगर बागियों की तो उनका भी अपना अलग दर्द है… कई सालों से पार्टी के टिकट की आस लगाए बैठे इन कार्यकर्ताओं को जब टिकट देने की बारी आती है तो यह पार्टियां अपने निष्ठावान कार्यकर्ताओं के अरमानों पर पानी फेर कर किसी धनबली और दलबदलू को उम्मीदवार बना देते हैं…
ऐसे ही एक सपा कार्यकर्ता की कहानी बस्ती से आयी है… उसने 22 साल तक सपा के झंडे को उठाए रखा… लेकिन जब इस कार्यकर्ता को पार्टी का टिकट देने का वक्त आया तो किसी और पार्टी से आए नेता को मिल गया… सपा के इस कार्यकर्ता का आरोप है कि पार्टी के जिला अध्यक्ष और सदर के विधायक महेंद्र यादव ने उन्हें टिकट देने का वादा किया था… उन्हें विश्वास दिलाया था कि इस बार उन्हें टिकट जरूर दिया जाएगा… लेकिन नामांकन के आखिरी दिन उन्होंने उस कार्यकर्ता का टिकट काटकर किसी और दल से आए नेता को दे दिया… इसके बाद अब ये कार्यकर्ता अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है और अपने पंचर की दुकान पर महेंद्र यादव बेवफा है और सदर विधायक बेवफा है, पोस्टर लगाकर अपने साथ हुए धोखेबाजी का बदला ले रहा हैं…
दरअसल बस्ती के नगर पालिका बभनगांवा वार्ड में रहने वाले अकरम जो कि सपा के बहुत ही पुराने कार्यकर्ता है और पेशे से ये पंचर की दुकान चलाता हैं…बावजूद इसके वह पार्टी की पिछले 22 सालों से सेवा करता चला आ रहा हैं… इसका सपना था कि सपा के टिकट से सभासदी का चुनाव लड़े और जनता की सेवा करें… और इसलिए अकरम ने इस बार अपने वार्ड से दावेदारी ठोकी, उनकी दावेदारी को लेकर पार्टी के सभी नेताओं ने हरी झंडी दे दी… जब पार्टी के टिकट देने का समय आया तो सबने मुंह फेर लिया.. इसके बाद अकरम अब अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं…
अब अकरम का कह रहा है… वो गरीब है… गाड़ी और साइकिल का पंचर बनाता है इसलिए मुझे टिकट नहीं दिया गया और दलबदल कर कुछ ही दिन पहले समाजवादी पार्टी में आए गौतम यादव को टिकट दे दिया गया, क्योंकि वो धनबली है… अपने साथ हुए ठगी के शिकार अकरम ने अपना दुख और अपने साथ हुई बेवफाई को जाहिर करने के लिए उसने अपने दुकान में कई पोस्टर लगा डालें… इसमें एक पोस्टर में ये लिखा है कि महेंद्र यादव बेवफा है और दूसरे में सदर विधायक बेवफा है…