बाहुबली Atique Ahmed को UP क्यों लाया गया ? अतीक को घेरने का यूपी पुलिस का बड़ा प्लान तैयार… अब अतीक तो गया ?

बाहुबली अतीक अहमद को यूपी क्यों लाया गया ?
सवाल सीधा सा है… जवाब क्या हो सकता है ?
साबरमती से प्रयागराज में अतीक अहमद… अब आगे क्या होगा ?

सब बेचैन हैं… सब जानना चाहता है… क्या होगा जरायम की दुनिया के कैरेक्टर के साथ… जब साबरमती से प्रयागराज बाहुबली अतीक अहमद को लाया जा रहा था… अतीक डरा हुआ था… सोच रहा था… उसके जेहन में निश्चय ही ये ख्याल आ रहा था… अपने साथ खेल हो जाएगा…. उसी विकास दुबे के जैसा… गाड़ी पलटी… विकास खल्लास हो गया… अतीक भी सोच रहा था… उसके साथ भी ऐसा ही हो सकता है… जिस पुलिस गाड़ी में अतीक बैठा था… वो गाड़ी जब जब रुकी… अतीक के दिल की धुकधुकी बार बार बढ़ी… सोचा तो अब तो मैं गया… लेकिन ऐसा हुआ नहीं अतीक गुजरात से यूपी में है… CM योगी के यूपी में आया… जहां उसकी दबंगई की कभी गरजती रही… उसके सामने सत्ता से लेकर पुलिस थरथराती रही… आज वही खौफजदा अतीक सोच रहा है… उसके साथ अब क्यों होगा… सवाल हर किसी के जेहन में है अतीक के साथ क्या होगा….

जिस मुकदमे में माफिया अतीक और उसके गुर्गों पर सजा की तलवार लटक रही है… उस मुकदमे को लंबा लटकाने की हर तिकड़म लगाई गई लेकिन बात नहीं बनी… आखिर 16 साल बाद मुकदमा फैसले की दहलीज पर पहुंच ही गया… उमेश पाल को अगवा करने के मामले में 28 मार्च को फैसला आ रहा है… उमेश पाल को अगवा करने की वारदात 28 फरवरी 2006 में हुई थी… इसकी एफआईआर 5 जुलाई 2007 में तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य ओम पाल ने दर्ज करवाई थी… पुलिस ने इस मामले में 23 दिसंबर 2009 में कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर दिया था। कोर्ट ने उसी दिन ही आरोप पत्र का संज्ञान भी ले लिया था… लेकिन इस मामले का ट्रायल शुरू होने में सात साल लग गए… 3 सितंबर 2016 से मामले का ट्रायल शुरू हुआ… एक मई 2019 में इस मामले में अभियोजन के साक्ष्य पूरे हो गए…

अतीक ने मामले को लटकाने की भरसक कोशिश की… उसके लिए दो गवाहों की फिर से गवाही करवाने और कुछ नए गवाहों को भी शामिल करने की अर्जी दी गई… निचली अदालतों के खिलाफ अतीक गैंग की तरफ से दो रिवीजन हाई कोर्ट में दाखिल किए गए… इसमें एक रिवीजन एडीजी कोर्ट के फैसले के खिलाफ और दूसरा सिविल जज के खिलाफ था.. हाईकोर्ट ने इन दोनों को ही खारिज कर दिया… हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अतीक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका की… इस मामले में उमेश पाल पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कैवियट दाखिल कर चुका था… जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी 2023 को अतीक की याचिका खारिज कर दी… साथ ही ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वो छह सप्ताह के अंदर मामले की सुनवाई पूरी करे… इसके चलते ही डे-टू-डे ट्रॉयल पूरा करवाया गया…

प्रयागराज पुलिस अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज में रोक कर रखने के लिए घेराबंदी कर रही है… अशरफ के खिलाफ पुलिस को वॉरंट बी मिल गया है… अतीक के खिलाफ भी पुलिस वॉरंट बी हासिल करने की कोशिश कर रही है… 28 मार्च तक अतीक के खिलाफ भी वॉरंट बी जारी हो सकता है… अगर ऐसा हो जाता है तो प्रयागराज पुलिस दोनों को उमेश पाल हत्याकांड व अन्य मामलों में प्रयागराज में रोकने में कामयाब हो सकती है…इसलिए यूपी अतीक को लेकर यूपी आयी है… ताकि उसकी घेराबंदी हो सके… उसके गुनाहों को हिसाब लिया सके…