सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भगवान कृष्ण के भक्त हैं… कृष्ण भगवान राम का दूसरा रूप हैं… पहले राम आए… दूसरे युग में कृष्ण आए… अब कृष्ण के उसी पहले रूप पर जब अखिलेश के बेहद ही खास हो चुके स्वामी प्रसाद मौर्य ने सवाल उठाया तो अखिलेश के छोटे भाई प्रतीक यादव की पत्नी और बीजेपी नेता अपर्णा यादव ने तरीके से जवाब दिया है… स्वामी बड़बोलेपन में थमे हुए विवाद की आग… जो थमने वाली थी… उसमें फिर से हवा देकर आग को भड़काई… तो अपर्णा ने अखिलेश के स्वामी को ऐसा जवाब दिया… कि अगर वो सुनेंगे तो जरूर मिर्ची लगेगी… स्वामी प्रसाद मौर्य ने बोल दिया… अपने ज्ञान में कुंठा को खोलकर रख दिया… अब जबकि अखिलेश के स्वामी ने बस बोलने के लिए जो बोला तो… डिंपल यादव की देवरानी अपर्णा यादव ने स्वामी के अशांत मन तक राम को एक ऐसे स्वरूप को पहुंचाने का प्रयास कर दिया… कि कहने वाले कह रहे हैं… ऐसा तो मुलायम की बहू कह सकती हैं… याद हो तो याद कीजिए… अब तक कभी डिंपल-अखिलेश से लेकर पूरे मुलायम परिवार के सदस्यों की जुबां से निकली कोई बात आपमें से किसी ने सुनी हैं… जिसमें भगवान राम, भगवान कृष्ण से लेकर सनातन धर्म के महापुरुषों के बारे में कुछ कहा हो… या फिर उन पर लिखी किताब और लिखने वालों पर सवाल उठाया हो…. ऐसा कभी नहीं हुआ… लेकिन उन्ही की पार्टी सपा के स्वामी प्रसाद मौर्या ने अब राम चरित मानस पर सवाल उठा दिया… तो जवाब अपर्णा यादव ने दिया है….
बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के बाद अब यूपी में समाजवादी पार्टी के MLC स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है… मौर्य ने कहा-
कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को रामचरित मानस के आपत्तिजनक अंश हटाना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए
ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ या गंवार हो, लेकिन वो ब्राह्मण है… उसको पूजनीय कहा गया है, लेकिन शूद्र कितना भी पढ़ा-लिखा या ज्ञानी हो… उसका सम्मान मत करिए… क्या यही धर्म है? अगर, धर्म यही है, तो मैं ऐसे धर्म को नमस्कार करता हूं… जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, उसका सत्यानाश हो… यूपी में तेरह फीसदी ब्राह्मणों की आबादी है… उनके बारे में स्वामी आग उलग रहे हैं….अब इसे क्या कहेंगे… आ बैल मार मुझे… क्या नहीं माना जाए… अपने पैर पर कुल्हाड़ी मा रहे हैं… बिहार में आरजेडी ने ब्राह्मणों को निशाने पर लिया… वहां चल सकता है… क्योंकि करीब 2-4 फीसदी वहां ब्राह्मण है… लेकिन यूपी में अच्छी खासी आबादी ब्राह्मण है… सियासी तौर पर वो ताकतवर हैं… उन्हें इग्नोर करना राजनीतिक दलों के लिए आसान नहीं है… लेकिन अखिलेश के स्वामी ने ये बयान कहकर ये जता दिया… सपा ब्राह्मणों के वोट की दरकार नहीं है..ऐसा नहीं है कि स्वामी प्रसाद मौर्या ने हिंदू धर्म के नायकों के खिलाफ ऐसा पहली बार कुछ कहा हो…. इस पहले भी कहा ता…मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में जनसभा को संबोधित करते हुए मौर्य ने कहा था कि ये लोग नारा दे रहे हैं कि मोदी जी आए हैं, राम को लाए हैं…ये नारा सुनकर ऐसा लगता है कि मोदी ने राम को पैदा किया है… इनके आने के बाद ही राम जी का जन्म हुआ है… जो पार्टी राम का सौदा करती है, वह आपका भी सौदा कर सकती है… आपके साथ धोखा कर सकती है.. चलिए स्वामी ने तो बस बोल दिया… लेकिन मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव ने अखिलेश के स्वामी को तरीके से लिया..
अपर्णा यादव कह रही है… शबरी के झूठे बेर खाकर श्रीराम ने समस्त कास्ट बैरियर को तोड़ा…झूठे बेर खाकर सतयुग में उन्होंने ने एक परम् उदाहरण दिया…राम भारत का चरित्र है, राम किसी एक धर्म या मजहब के नहीं है… आज भी भारत में कहा जाता है बेटा हो तो राम जैसा हो… पहले अपर्णा यादव ने बताया राम भारत के दिलो दिमाग का चेहरा है… फिर स्वामी प्रसाद मौर्या ने ऐसा क्यों कहा वो भी बता दिया… अपर्णा ने बताया…इस तरह की टिप्पणी करना, बयान देना अपनी राजनीति गर्म करने के लिए किसी ने भी दिया हो..वह अपने खुद के चरित्र को दिखा रहे हैं…यह उनके खुद के चरित्र का दर्पण है वह कितना नीचे स्तर का है…