ताजा जानकारी के मुताबिक लक्ष्मी चौहान सहित छह पुलिसकर्मियों ने मेरठ भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में सरेंडर कर दिया है… जहां लक्ष्मी चौहान को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

यूपी में अगर आपने लक्ष्मी को ढूंढ लिया तो आपके घर लक्ष्मी आएगी… यूपी में लक्ष्मी ढूंढो और ईनाम पाओ… 70 लाख डकारने वाली शातिर और चालबाज लेडी इंस्पेक्टर पर यूपी पुलिस ने 25 हजार का ईनाम घोषित किया है… लक्ष्मी चौहान 70 लाख की मोटी रकम निगलने में उनका साथ देने वाला सातों पुलिसकर्मियों पर भी 25 हजार का ईनाम रखा गया है… लक्ष्मी चौहान और उनके मददगारों के घर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया गया है… 

बता दें कि बदमाशों से लूट की बरामद रकम में से 70 लाख रुपए डकारने के आरोप में एक माह से अधिक समय से फरार इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान सहित सभी सात पुलिसकर्मी अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर बने हुए हैं… गिरफ्तारी से बचने के लिए लक्ष्मी चौहान समेत सभी पुलिस कर्मियों ने बीते दिनों पहले एंटी करप्शन कोर्ट और फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी… लेकिन अभी तक हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई शुरू नहीं की है… इन सभी आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दिया था… इन पुलिसकर्मियों के नाम हैं… लक्ष्मी चौहान, नवीन कुमार, बच्चू सिंह, फराज खान, धीरज भारद्वाज, सौरभ शर्मा और सचिन कुमार…

आइए अब आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या था… दरअसल साहिबाबाद साइट-4 कमर्शियल एरिया में स्थित सीएमएस इंफो सिस्टम कंपनी एटीएम में कैश डालने का काम करती है… कंपनी ने 22 अप्रैल को लिंक रोड थाने में कंपनी के कैश कस्टोडियन एजेंट राजीव सचान के खिलाफ करीब 72.50 लाख रुपये गबन का मामला दर्ज कराया था… जांच में ये मामला साढ़े 3 करोड़ रुपए के गबन का निकला… इस मामले में पुलिस ने 24 सितंबर की रात राजीव सचान को साथी आमिर के साथ गिरफ्तार कर उनसे 1.15 करोड़ रुपये बरामद कर लिए… लेकिन फर्द में महज 45 लाख 81 हजार 500 रुपये की बरामदगी ही दिखाई गई… और शातिर इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान ने 70 लाख से ज्यादा की रकम डकार ली