सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोविड-19 से उत्पन्न समस्याओं के समाधान पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है । अखिलेश ने कहा कि कोरोना पर चर्चा के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा का तत्काल विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए । अखिलेश ने एक बयान में कहा, वर्तमान सामाजिक-आर्थिक स्थिति और कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न समस्याओं के समाधान पर कारगर कदम उठाने के लिए यूपी विधानसभा का विशेष सत्र तत्काल बुलाया जाना चाहिए ।

अखिलेश ने कहा कि विगत एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है और लॉकडाउन की अवधि में राज्य की जनता घरों में है । कुछ जिलों में कोरोना वायरस का प्रकोप अब भी जारी है । अस्पतालों में अन्य बीमारियों का इलाज नहीं हो पा रहा है । कोरोना वायरस के इलाज के भय से जनता सहमी हुई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जांच किट की पर्याप्त उपलब्धता के अभाव में मरीजों की सही-सही संख्या का भी पता नहीं चल रहा है ।

अखिलेश ने प्रशासनिक तालमेल की कमी का दावा करते हुए कहा कि आगरा से रात में ही कोरोना वायरस संक्रमित लोगों को एक बस में भर कर सैफई अस्पताल रवाना कर दिया गया, लेकिन सैफई अस्पताल के प्रशासन को सूचना तक नहीं दी गई । सैफई में मरीज घंटों भर्ती के लिए बाहर सड़क पर इंतजार करते रहे।

सपा अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लम्बी चलने वाली है । अभी तक राज्य सरकार केवल अधिकारियों के भरोसे है । विपक्ष संकट के समाधान में ऐसे सुझाव दे सकता है जिससे प्रभावी नियंत्रण होने में आसानी हो । इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने में दिक्कत नहीं हो सकती क्योंकि इससे पहले भी पिछले साल तीन अक्टूबर को राष्ट्रसंघ के विकास लक्ष्यों पर और 26 नवंबर को संविधान दिवस पर विशेष अधिवेशन बुलाए जा चुके हैं ।

बहरहाल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल किया कि क्या उनका लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं है? ऐसा इसलिए कहा कि लॉकडाउन की लम्बी अवधि में जनता की तकलीफें बढ़ी हैं । किसान पर बे-मौसम बरसात और ओलावृष्टि की भी मार पड़ी है ।