औरैया में सड़क हादसे में 24 मजदूरों की मौत पर यूपी सियासत तेज हो गई है । एक तरफ सरकार हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक जाहिर कर रही है. तो विपक्ष इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार मान रहा है । पीएम नरेंद्र मोदी इस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति दुख जताया है । उन्होंने ट्वीट कर लिखा

उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क दुर्घटना बेहद ही दुखद है। सरकार राहत कार्य में तत्परता से जुटी है। इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं, साथ ही घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा

जनपद औरैया में सड़क दुर्घटना में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुःखद है, मेरी संवेदनाएं मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। पीड़ितों को हर संभव राहत प्रदान करने,घायलों का समुचित उपचार कराने व दुर्घटना की त्वरित जांच करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस हादसे पर दुख जताते हुए सरकार पर निशाना साधा है

उप्र के औरैया में सड़क हादसे में 24 से भी अधिक ग़रीब प्रवासी मज़दूरों की मौत पर अवर्णनीय दुख. घायलों के लिए दुआएँ. सब कुछ जानकर… सब कुछ देखकर भी… मौन धारण करनेवाले हृदयहीन लोग और उनके समर्थक देखें कब तक इस उपेक्षा को उचित ठहराते हैं. ऐसे हादसे मृत्यु नहीं हत्या हैं.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इसे हादसा मानने से गुरेज कर रहे हैं इसे हत्या का नाम दे रहे है । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरह ही सरकार वार किया । उन्होंने ट्वीट कर लिखा.

औरैया की हृदय विदारक घटना ने एक बार फिर यह प्रश्न उपस्थित कर दिया है कि आख़िर सरकार क्या सोचकर इन मजदूरों के घर जाने की समुचित व्यवस्था नहीं कर रही है? प्रदेश के अंदर मजदूरों को ले जाने के लिए बसें क्यों नहीं चलाई जा रही हैं?या तो सरकार को कुछ दिख नहीं रहा या वो सब कुछ देख के अनजान बनी हुई है। क्या सरकार का काम सिर्फ बयानबाजी करना रह गया है?

आपको बता दे कि औरैया में ट्रक ने सड़क किनारे लगे दूसरे ट्रक को जोरदार टक्कर मार दी । कहा जा रहा है इस हादसे में और मजदूरों की जान जा सकती थी वो सुबह होने से पहले मजदूरों को चाय पीने की तलब लगी और शायद इसी चाय ने ही उनकी जिंदगी और मौत के बीच फासला कर दिया। हादसे में मरने वालों में ज्यादातर मजदूर टक्कर मारने वाले ट्रक में थे। इसमें 30 मजदूर सवार थे। इस ट्रक में चूने की बोरियां लदी थीं। कई मजदूर नींद में ही मौत के आगोश में समा गए। घटना के बाद सामने आई एक तस्वीर में मजदूरों के सामान के ढेर को भी देखा जा सकता है। हादसा राजस्थान से आ रहे ट्रक ड्राइवर को झपकी लगने से हुआ। टक्कर के बाद दोनों ट्रक पलट गए।