सिर्फ 25 मिनट के लिए घर से निकला था। दौड़कर घर आया तो पूरा परिवार आग की चपेट में आ गया था। अग्निकांड में बेइंतहा प्यार करने वाली पत्नी, बच्चे सहित मेरा सब कुछ चला गया। मैं अपने परिवार को बचा नहीं सका। ये बातें बोलते-बोलते व्यवसायी मोहम्मद अयाज कुरैशी का गला रुंध गया। असालतपुरा निवासी व्यवसायी ने बताया कि मोबाइल की चार्जिंग खत्म होने पर वह बृहस्पतिवार की शाम छह बजकर 12 मिनट पर मोबाइल चार्जिंग में लगाकर इस्माइल रोड पर चला गया था। परिवार के लोगों से कहा था कि वह जल्दी ही आ जाएगा। साढ़े छह बजे रोड पर परिचितों ने बताया कि उसके घर में आग लग गई है। इसके बाद वह सात मिनट के अंदर दौड़ते हुए घर लौटकर आया तो कमरे में आग लग थी। धुआं पूरे मकान में फैल चुका था। माता पिता, पत्नी बच्चे सभी लोग अंदर फंसे थे।
मोहल्ले के लोगों ने काफी मदद की। सीढ़ी मंगाकर फंसे लोगों को बचाने की कवायद शुरू हुई। आग देखकर दिल भयभीत हो रहा था। अब कैसे परिवार की जान बचाया जाय। पिता जीने से लुढ़कते हुए निकल आए। विज्ञापन
फायर ब्रिगेड और स्थानीय लोगों के प्रयास से मां कमर आरा (70), पत्नी शमा परवीन (36), भांजी उमेमा (06), बेटा इबाद कुरैशी (04) और बेटी नाफिया (08) को निकाला गया लेकिन उनकी सांसें नहीं चल रही थीं। उसकी पत्नी शमा रानीखेत (अल्मोड़ा उत्तराखंड) में नौकरी करती थी।
उसकी बेटी नाफिया वहीं कक्षा दो में पढ़ती थी। अग्निकांड में उसका सब कु छ चला गया। उसके सिर्फ दो ही बच्चे थे। वह पत्नी और अपने बच्चों से काफी प्यार करता था लेकिन आग ने उसकी दुनिया ही उजाड़ दी। काश! परिवार को बचा पाता। बोलते-बोलते अयाज का गला रुंध गया।
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इस बीच साथियों ने उनको सांत्वना दी। बताया कि वह पत्नी और बच्चों से मिलने के लिए रानीखेत आता जाता था। यदि कुछ देर होती तो वह भी घर में परिवार के साथ आग की चपेट में आ सकता था। प्रशासन को वह कोई दोष नहीं दे सकता है। उन्होंने ने भी मदद की है।
गिरते-पड़ते घर से बाहर आए थे इरशाद
अग्निकांड से बचकर निकले व्यवसायी अयाज के पिता मोहम्मद इरशाद घटना के चलते बदहवास हो गए हैं। उनको कुछ सुझाई नहीं दे रहा था। पूछने पर उन्होंने बताया कि वह अल्लाह की मरजी से बच गए। वही (अल्लाह) सब कुछ करता है।
इरशाद के तीन पुत्र और दो बेटियां हैं लेकिन वह बार-बार अयाज को ही याद कर रहे थे। बोल रहे थे कि आग के बारे में बेटा अयाज ही बताएगा। हादसे के दौरान इरशाद जीने से लुढ़कते हुए बाहर निकल गए थे। आग उनको पकड़ नहीं सकी। सिर्फ मामूली चोटें लगी थी।