एनआईए के रडार पर दिसंबर-2019 में बेनियाबाग और बजरडीहा में सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान बवाल करने वाले लोग भी शामिल हैं। इन मामलों में भेलूपुर और चौक थाने में कई लोग नामजद किए गए थे। प्रदर्शन में शामिल और नामजद हुए सभी युवाओं पर इंटेलीजेंस इकाइयां निगरानी रखेंगी। एटीएस के अनुसार सीएए-एनआरसी के अलावा अग्निपथ और ज्ञानवापी मामले में प्रदर्शन करने वाले भी निगरानी के दायरे में हैं।

उधर बुधवार रात में वाराणसी से उठाए गए पीएफआई के तीनों सदस्यों से लखनऊ में एनआईए के अधिकारियों ने अलग-अलग लंबी पूछताछ की। ये तीनों पीएफआई की ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए थे। पूछताछ के बाद तीनों युवको छोड़ दिया गया है। यह सभी बुनकरी व कपड़े के कारोबार से जुड़े हैं। अब इनकी हर गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। इसमें कारोबारी रिश्तों, सांगठनिक गतिविधियों पर भी नजर रखी जाएगी। इनका कारोबार किस तरह के लोगों से है, जहां से माल लाते हैं, उनके बारे में भी गोपनीय तरीके से जानकारी इकट्ठा की जाएगी।

एनआईए के असफरों के मुताबिक पीएफआई की ऑनलाइन बैठकों और उसमें शामिल सदस्यों, मुद्दों से लेकर प्रदर्शन के लिए बनी रणनीति आदि को लेकर गहराई से छानबीन की जा रही है। बैठकों में शामिल होने और बीते दो से तीन साल में हुए सांप्रदायिक प्रदर्शन में संलिप्तता की आशंका पर निगरानी रखने के निर्देश मिले हैं। इसमें कहीं से किसी की भी संलिप्तता मिलने पर उसे पाबंद किया जाएगा।

एनआईए के नेतृत्व में कई एजेंसियों ने देश में आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के आरोप में गुरुवार को 15 राज्यों में 93 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर पीएफआई के 106 पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने बताया था कि केरल में, जहां पीएफआई के कुछ मजबूत गढ़ हैं, सबसे ज्यादा 22 गिरफ्तारियां की गईं। गिरफ्तार किए गए लोगों में पीएफआई की केरल इकाई के अध्यक्ष सी पी मोहम्मद बशीर, राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ एम ए सलाम, राष्ट्रीय सचिव नसरुद्दीन एलमारम, पूर्व अध्यक्ष ई अबूबकर और अन्य शामिल हैं।