अखिलेश के शूद्रकार्ड के जवाब मे बीजपी के सनातन कार्ड पर आएंगे… बताएंगे… बीजेपी का कार्ड सपा के कार्ड पर कैसे भारी पड़ने वाला है… उससे पहले जानिए बीजेपी अंदर कैसे पीएम मोदी की छवि का ट्रांसफर सीएम योगी की ओर हो रहा है… पीएम मोदी अब किस तरीके की छवि को खुद पर समा रहे हैं…. इस रिपोर्ट को आखिर तक जरूर देखिए….
जीहां बीजेपी की वही परंपरा फिर से दिख रही है… जो दशको से चली आ रही है… बीजेपी की राजनीति चेंज हुई है… बड़ा बदलाव आया है…. शीर्ष नेताओं के बीच दो नेता दो ध्रुवों की अगुवाई करते दिख रहे हैं… एक हार्डकोर हिंदुत्व की राजनीति पर निकल पड़े हैं… तो दूसरे हार्डकोर राजनीति से सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति पर चल पड़े हैं…. उनकी छवि सॉफ्ट दिखती है…. बीजेपी हिंदुत्व के नाम पर दो रूप अब जब से बीजेपी का गठन हुआ तब से चला आ रहा है… साल 1980 में बीजेपी की स्थापना हुई… और तब सेलेकर अब तक ऐसा ही हुआ है…. ऐसी ही स्थिति बनती दिख रही है… 24 की लड़ाई से पहले 23 में बीजेपी में शीर्ष पर बैठे दो नेता ऐसे हैं… जिसकी हिंदुत्व के मोर्चे पहली जैसी छवि थी अब वैसी तो दिख नहीं रही है… और जिसकी छवि पहले जैसी थी… अब उससे ज्यादा हार्ड हो गई है… एक ने अपनी छवि दूसरे बीजेपी नेता की ओर ट्रांसफर किया… और उस दूसरे नेता उस छवि को अपनाया है… बिलकुल वैसा ही जैसा पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के सियासी दौर में जैसा दिखता था… वैसा ही अब दिख रहा है… तब वाजपेयी सॉफ्ट तो लालकृष्ण आडवाणी हार्ड हिदुत्व की बात करते दिखते थे… बाद में समय बदला… अटल बिहारी बाजपेयी सक्रिय राजनीति से बाहर हुए… उनकी जगह बीजेपी में लालकृष्ण ने ली… लालकृष्ण आडवाणी सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ मुड़ गए… इसके बाद हार्ड हिंदुत्व की विचारधारा को राजनाथ सिंह से लेकर नितिन गडकरी तक ने आगे बढ़ाया…साल 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जब केंद्रीय राजनीति में लाया गया तो वो बीजेपी की हिंदुत्व हार्ड लाइनर राजनीति का चेहरा थे। उनके इसी चेहरे के साथ बीजेपी चुनावी मैदान में उतरी और जीत दर्ज की… अब बीजेपी में सॉफ्ट और हार्ड हिंदुत्व की राजनीति का चेहरा बदल रहा है…
बीजेपी में लालकृष्ण आडवाणी के सक्रिय राजनीति से बाहर होने के बाद सॉफ्ट हिंदुत्व की विचारधारा को पीएम नरेंद्र मोदी अपनाते दिखने लगे…लेकिन अब हार्ड लाइनर हिंदुत्व पॉलिटिक्स अब सीएम योगी आदित्यनाथ के जरिए आगे बढ़ती दिख रही है… सीएम योगी की छवि पहले से ही फायरब्रांड नेता की रही है… भगवा ड्रेस के कारण कट्टर हिंदुत्व वाली राजनीति के खांचे में वो पूरी तरह फिट बैठते हैं… उनकी छवि को जिस प्रकार से बनाया गया है, उसको लेकर उन्होंने कभी कोई आपत्ति भी नहीं जताई है…एक साक्षात्कार में सीएम योगी आदित्यनाथ से जब हार्ड हिंदुत्व की विचारधारा वाली राजनीति की बात कही गई तो उन्होंने कहा कि-
न तो मैं सॉफ्ट हूं, न मैं हार्ड हूं। हिंदुत्व सॉफ्ट या हार्ड नहीं होता है। यही हिंदुत्व की खूबसूरती और खासियत है।
सीएम योगी ने अपने बयान के जरिए साफ कर दिया है कि वो हिंदुत्व की राजनीति को लेकर किस प्रकार का अपना नजरिया रखते हैं… सियासी गलियारे में सीएम योगी के हार्डकोर हिंदुत्व के रास्ते पर जाने की बात की शुरुआत तब हुई… जब यूपी में रामचरितमानस का मुद्दा खासा गरमाया हुआ है… सपा एमएलए स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्री रामचरितमानस में दलित, आदिवासी और महिलाओं को लेकर की गई टिप्पणी का मामला उठाया।…हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ को प्रतिबंधित किए जाने की मांग कर डाली…जिसके बाद विरोधी तो विरोधी सपा के अंदर से भी विरोधी सुर निकले… सीएम योगी आदित्यनाथ तब कहा था कि जिनको मामलों की समझ नहीं है, विकास से मुद्दे को भटकाने के लिए इस प्रकार की बातें कही जा रही हैं… उसके बाद सीएम योगी अब इस पूरे मामले को आगे बढ़ाते हुए भारत के राष्ट्रीय धर्म की चर्चा करने लगे… सीएम योगी अब कहते हैं कि-
सनातन धर्म भारत की आत्मा है… ये भारत की पहचान है… सनातन धर्म ही भारत का राष्ट्रीय धर्म है… सनातन धर्म में अपना-पराया जैसी सोच नहीं होती… हम चराचर जगत की बात करते हैं…
सीएम योगी अब जिस तरह से हिंदुत्व को भारत की मूल जीवन पद्धति से जोड़कर पेश कर रहे हैं… ये बीजेपी की राजनीति में बदलाव के बड़े संकेत हैं… इसके बाद अब चर्चा होने लगी मोदी के बाद बीजेपी का चेहरा कौन ?…. एक सर्वे में भाजपा में पीएम नरेंद्र मोदी के विकल्प के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम आगे बढ़ता दिख रहा है… केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ लोगों की नजर में इस रेस में करीब करीब एक समान हैं… हिंदुत्व के मसले पर अमित शाह की भी छवि कट्टर हिंदुत्व वाली है… लेकिन, सीएम योगी आदित्यनाथ या असम के सीएम हिमंत विस्वा सरमा की तरह वो बात करते नहीं दिखते हैं.. सीएम योगी आदित्यनाथ सार्वजनिक मंच से लेकर तमाम कार्यक्रमों में हिंदुत्व की बात करते दिख रहे हैं… धर्म और विकास का मंत्र लेकर वे यूपी में काम कर रहे हैं… देश के सबसे बड़े प्रदेश का नेतृत्व करते हुए उनकी छवि लगातार बेहतर हो रही है…
बहरहाल हिंदू धर्म, जाति व्यवस्था पर जिस प्रकार से पिछले दिनों से हमला हो रहा… सवाल उठाए जाने लगे हैं। हिंदू धर्म ग्रंथों को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा…. ऐसे वक्त बीजेपी ने अपनी राजनीतिक विचारधारा में बड़ा बदलाव कर दिया है… बीजेपी हिंदूत्व की राजनीति से सनातन की ओर मुड़ती दिख रही है… सनातन धर्म में जाति व्यवस्था को तवज्जो नहीं दी जाती है… कर्म के आधार पर वर्ण व्यवस्था का निर्धारण की परंपरा रही है… सीएम योगी आदित्यनाथ भी इसी दिशा में काम करते दिख रहे हैं… उनके ताजा बयान में हिंदुत्व और सनातन की बात दिख रही है… हिंदू धर्म की जगह वो सनातन की चर्चा करते दिख जाते हैं… सियासी पार्टियों को धर्म की राजनीति के पाले में लाने के बाद बीजेपी के ट्रैक में बदलाव बड़े संकेत दे रहा है…