Lalu Prasad Yadav के Dhirendra Krishna Shastri का विरोध नहीं करने के पीछे ये है वजह….
बिहार में नहीं थम रहा बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री का विरोध
धीरेंद्र शास्त्री के विरोध के बीच लालू यादव की खल रही है चुप्पी
बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के समर्थन में क्यों नहीं बोल पा रहे हैं लालू यादव
लालू यादव के धीरेंद्र शास्त्री का विरोध नहीं करने के पीछे ये है वजह
बिहार में बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री को लेकर घमासान जारी है…धीरेंद्र शास्त्री के पटना में एक शिविर के ऐलान के बाद से इसके विरोध और फिर समर्थन को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही…फिलहाल इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से बयान आने का सिलसिला बखूबी चल रहा है…लेकिन एक शख्स की चुप्पी सभी को चुभ रही है और सबके मन में ये सवाल उठ रहा है कि जब इतने नेताओं के इस मामले पर बयान आ रहे हैं तो बिहार की राजनीति का सबसे लोकप्रिय चेहरा क्यों चुप्पी साधे है जी हां हम बात कर रहे हैं लालू यादव की जो धीरेंद्र शास्त्री के मामले में बिल्कुल चुप्पी साध गए हैं जबकि उनकी पार्टी और उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव खुलकर धीरेंद्र शास्त्री का विरोध कर रहे हैं यहां तक कि तेज प्रताप यादव ने तो एक संगठन बनाकर कुछ लड़कों को ट्रेनिंग भी देनी शुरू कर दी है जो धीरेंद्र शास्त्री का विरोध करेंगे…फिर भी लालू यादव चुप हैं उनका कोई बयान अभी तक सामने नहीं आया है…अगले कुछ मिनटों में हम लालू यादव की इसी चुप्पी को समझने की कोशिश करेंगे….कि आखिर लालू यादव की क्या मजबूरी है कि वो धीरेंद्र शास्त्री पर बिल्कुल चुप हैं
दरअसल मौजूदा वक्त में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पटना आगमन को लेकर बिहार की सियासत गर्म है। आरजेडी नेता तो हत्थे से उखड़े नजर आते हैं। बीजेपी और उसके सहयोगी-समर्थक दल भी पलटवार कर रहे हैं। आश्चर्य ये है कि पटना में रहते हुए भी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस मामले पर बिल्कुल चुप्पी साध ली है। वैसे बताया जा रहा है कि इसकी एक बड़ी वजह है…दरअसल आस्था और अंधविश्वास पर भरोसा रखने वाले आरजेडी सुप्रीमो बोलें तो कैसे बोलें? वो तो खुद भूत-प्रेत, तांत्रिकों और बाबाओं के दरबार में हाजिरी लगाते रहे हैं। मिर्जापुर वाले पगला बाबा के तो वे ‘अंधभक्त’ ही थे। पूजा-पाठ उनके परिवार में सामान्य बात रही है। लालू के घर की छठ पूजा और होली उत्सव की खबरें सुर्खियां बनती रही हैं। खुद तेज प्रताप भी साधना करते हैं।
धीरेंद्र शास्त्री पर इसलिए नहीं बोल रहे लालू
दरअसल, लालू यादव बाबाओं और तांत्रिकों पर अधिक भरोसा करते हैं। मिर्जापुर जिले के विंध्याचल में रहने वाले तांत्रिक पगला बाबा के जीवित रहते उनकी शरण में लालू अक्सर जाते रहे। चारा घोटाला में फंसने के बाद भी वे पगला बाबा के आश्रम में गए थे। उसके पहले नवरात्र में दिन भर वे तांत्रिक अनुष्ठान में शामिल रहे। लालू तो ये भी बताते हैं कि पगला बाबा की वजह से उनकी जान बची थी। पगला बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने की बात पर लालू ने बताया था कि
पगला बाबा ने ही बचपन में उनकी जान बचाई थी। तब
घर वाले और डाक्टरों ने उनके बचने की उम्मीद छोड़ दी थी।
ऐसे महान संत का सान्निध्य कोई कैसे छोड़ सकता है।
शायद यही वजह रही हो कि लालू बागेश्वर धाम के चमत्कारी बाबा का विरोध करने से खुद बच रहे हों…वैसे पगला बाबा के भक्त लालू यादव ही नहीं थे बल्कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी पगला बाबा के आश्रम जा चुकी थीं
इंदिरा गांधी भी गई थीं पगला बाबा के आश्रम में
ये वो दौर था जब इमरजेंसी खत्म हुई थी और लोकसभा चुनावों में इंदिरा गांधी की बुरी तरह हार हुई थी। एक बार तो ऐसा लगा था कि कांग्रेस की बुनियाद ही उखड़ गई। तब इंदिरा गांधी भी पगला बाबा के आश्रम गई थीं। बाबा का चमत्कार कहें या जनता के मिजाज में बदलाव, 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी की पार्टी ने कामयाबी हासिल कर ली थी। जिस जनता पार्टी ने कांग्रेस को धूल चटा दी थी, उसका ही सफाया हो गया। यहा वजह है कि बाबा के जीवित रहते देश के बड़े नेता सफलता प्राप्ति के लिए अक्सर विंध्याचल जाते थे। विंध्याचल जाने पर वे पगला बाबा का दर्शन करने से नहीं चूकते थे। तो अब शायद लोगों को अपने उस सवाल का जवाब मिल गया होगा कि लालू यादव धीरेंद्र शास्त्री को लेकर चुप क्यों हैं जबकि उनके बेटे तेज प्रताप यादव ने धीरेंद्र शास्त्री को रोकने के लिए कुछ लोगों को ट्रेनिंग भी देनी शुरू कर दी है…आपको हमारी ये खबर कैसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बताएँ…साथ ही राजनीति से जुड़ी हर खबर के लिए हमारा चैनल सब्सक्राइब कर लें….शुक्रिया