kannauj subrat pathak

कन्नौज (उत्तर प्रदेश): सियासत में जमीन पर किसकी हवा है… किसी भी सर्वे से पहले जनता और नेता या कहिए जनप्रतिनिधि को पहले ही भनक लग जाती है…लगता है… कन्नौज से बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक को ये एहसास हो गया है… उनकी राजनीति ट्रैक से उतर चुकी है… उनके साथ कभी कुछ बड़ा खेल हो जाएगा… सुब्रत पाठक ने ऐसा बयान दिया है… जिससे ऐसा लगा कि अखिलेश ने सुब्रत पाठक की राजनीति के साथ वही खेल कर दिया है… जैसा आजमगढ़ में बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ की राजनीति के साथ सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने किया है… सुब्रत ने कुछ ऐसा कहा है… जिससे ऐसा लग रहा है… 2024 की लड़ाई अभी शुरू भी नहीं हुई… उससे पहले ही उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने सरेंडर करने का मन बना लिया है… सुब्रत को आभास हो चुका है… कन्नौज की पिच पर 2024 में सियासत करना उनके लिए अब आसान नहीं रहने वाला है… ऐसा लग रहा है… कन्नौज की जनता ने अपना मूड बना लिया है… अबकी बार किसी भी कीमत पर वो चाहते हैं… अखिलेश कन्नौज से 2024 का चुनाव लड़े… ये बिलकुल उसी तरह है… जैसे अमेठी की जनता चाहती है… अबकी बार राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़े… बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक के बयान से तो ऐसा ही लगता है… सुब्रत का बयान एक तरह से सर्वे की तरह है… जिसे सनेंगे तो यही कहेंगे कन्नौज की जनता तय कर लिया है… 2024 में किसे वोट देंगे…


दरअसल ऐसा दावा करने के पीछे वजह है… बीजेपी ने सांसदों के प्रति जनता के दिल में क्या है… इसे लेकर इंटरनल सर्वे कराया… जिसमें यूपी से बीजेपी के 19 सांसद उसकी अपनी ही कसौटी पर ही फेल हो गए हैं…यूपी में पार्टी के सर्वे में कई सांसदों की रिपोर्ट कार्ड खराब आई है…इस रिपोर्ट में कई सांसदों को पासिंग मार्क्स भी नहीं मिला है… रिपोर्ट कार्ड में दावा किया जा रहा है कि पार्टी के करीब 30 फीसदी सांसद अपने लोकसभा क्षेत्र में जनता की जनआकांक्षाओं पर खरे नहीं उतरे हैं… रिपोर्ट कार्ड खराब होने पर सुब्रत पाठक ने कहा,


अब ये रिपोर्ट क्या है, कैसे आती है… आप कितना भी काम करो लेकिन कुछ लोग आपको वोट ही नहीं देंगे… उसके लिए कोई क्या कर सकता है… आवास भी दे दिया, उज्जवला योजना भी दे दिया, उनको सौचालय भी बना दिया, उनको सम्मान निधि भी आ रही है और उनके घर में विधवा पेंशन भी आ रही है… उसके बाद भी उन्हें वोट नहीं देना है, नहीं देना है तो नहीं दो


तो क्या माना जाए बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक को ये एहसास हो गया… उन्हें कन्नौज की जनता ने अब नकार दिया है… उनकी जगह अगर अखिलेश चुनाव लड़ेंगे तो उन्हें चुनने का मन बना लिया है… सुब्रत के बयान से तो ऐसा ही लग रहा है… सुब्रत यही नहीं रुके… उन्होंने आगे कहा

वोट तो विचार से व्यक्ति देता है, जिससे जिसके विचार मिल रहे हैं वो उसको वोट करता है… रिपोर्ट तो पार्टी भी देखती है कि किसने क्या किया है। बीजेपी किसी के पिताजी की पार्टी नहीं है… हम न कोई बड़े बाप कि संतान हैं, जिससे हमारा भला हो ही जाएगा


दरअसल, इस रिपोर्ट कार्ड में यूपी के टॉप सांसदों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अव्वल हैं… जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह, संघमित्रा मौर्य और आजमगढ़ से सांसद निरहुआ फेल बताए जा रहे हैं… माना जा रहा है… ये सांसद पासिंग मार्क्स से नीचे हैं और इनके भरोसे 2024 लोकसभा चुनाव में ‘मिशन-350’ और यूपी में ‘मिशन-80’ की नैया पार नहीं लगाई जा सकती… हालांकि बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय की ओर से वाराणसी से प्रियंका गांधी और अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के दावे पर भी प्रतिक्रिया दी… कन्नौज से बीजेपी सांसद ने राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने पर कहा, पांच साल में इन्होंने ऐसा क्या कर दिया है… कुल मिलाकर जिस मानसिकता के ये लोग थे… इनकी परिवारवादी परंपरा से लोग ऊपर उठ गए हैं। भारत के लोकतंत्र में अब उच्च पदों पर जाने का रास्ता भी साफ है… ये परिवारवाद के विरोध की राजनीति, खासकर चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए इसलिए राहुल गांधी हो गए…


जबकि प्रियंका गांधी के वाराणसी से चुनाव लड़ने की चर्चाओं को पर उन्होंने कहा, मोदी को टक्कर देने के लिए ये केजरीवाल भी पहुंचे थे… मोदी को कांग्रेस के ये प्रदेश अध्यक्ष भी टक्कर देने की कोशिश कर रहे हैं। ये कोई आम मोदी नहीं है। मोदी ने वाराणसी को क्या दिया है, ये वाराणसी के लोग अच्छे से जानते हैं। आज उन्होंने वाराणसी का स्वरुप बदल दिया है… हमारी प्राचीन संस्कृति में वाराणसी का क्या स्थान था और क्या होना चाहिए था… मुझे नहीं लगता कि वाराणसी में मोदी के नामपर कोई चुनौती नहीं है..