ये देश किसानों का है… ये देश मजदूरों का है… ये देश जज्बे और जज्बातों में लिपटे हर भारतीयों का है… ये बात लोकतंत्र के प्रहरियों को जानना चाहिए… मानना चाहिए… और आत्मसात भी करना चाहिए… कोरोना से जंग, इस वक्त पीएम से लेकर हर भारतीय कर रहा है… कोई समाजिक दूरी को हथियार बनाकर घर में कैद हो गया… कोई देश की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से रफ्तार देने के लिए कोरोना योद्धा बन गया… और जो ये ना कर सका… उनकी भी अपनी मजबूरी है, वो भी खुद को कोरोना से बचाने की जद्दोजहद में शामिल है…
आधी आबादी में शामिल वो लोग… जो हर रोज अपनी जिंदगी के लिए जद्दोजहद करते है…. संघर्ष जिनके नसीब का हिस्सा है… इनके पीछे कोरोना…इनके साथ कोरोना… इनके आगे कोरोना… लेकिन करें भी तो क्या करें…. खुली आंखों से सबकुछ देखकर भी वो घर के लिए पलायन करने लगे… मजबूरी थी… इसलिए जो जरूरी हुआ वहीं किया इन गरीबी और मजदूरों ने…
कोरोना से हर कोई बेहाल है… तबाह होती अर्थव्यवस्था का शिकार बन रहे लोगों के लिए पीएम मोदी ने अब जाकर 20 लाख रुपए के आर्थिक पैकेज का एलान किया…भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश के 130 करोड़ आबादी को मंत्र दिया… कोरोना से निपटने के लिए पीएम मोदी ने बहुत बाते अपने ही अंदाज में सबके सामने रखा… तो अब सत्ता और समर्थकों से लेकर विपक्ष और आलोचक सबकी अपनी अपनी प्रतिक्रिया आयी है ।
लेकिन यहां हम बात सिर्फ राजनीति के दो शख्सियतों की ही करेंगे….जिनका वास्ता यूपी से है… एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ है, जो यूपी के मुखिया हैं… तो दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं… सीएम योगी के लिए मोदी सरकार की ओर से लिया गया ये फैसला ऐतिहासिक है… तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण बताया…. अखिलेश ने पीएम को प्रयास को लोगों के दिल को तोड़ने वाला बताया… तो सीएम योगी ने इस आत्मनिर्भर बनाने का रास्ता बताया….
इस बार सीएम योगी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हालांकि आमने सामने नहीं हैं… लेकिन इन दोनों का केंद्र बिंदू पीएम मोदी ही है…वैसे देखा जाए तो अर्सा बीत गया जब से सीएम योगी और अखिलेश के बीच किसी बात को लेकर आरोप प्रत्यारोप हुआ हो…अखिलेश सोशल मीडिया पर अक्सर सीएम योगी और उनकी सरकार पर हमलावर रहे… लेकिन ऐसा बहुत कम हुआ है जब सीएम योगी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनके आरोपों के लिए निशाने पर लेते नजर आए हो…राजनीति में तो हर आरोप पर प्रत्यारोप होता है… तो ऐसे में सीएम योगी अखिलेश के आरोपों पर मौन मुस्कुराहट क्यों बिखेर देते हैं… चलिए ये सीएम योगी की अपनी रणनीति हो सकती है… आइए सबसे पहले जानते हैं… अखिलेश ने पीएम मोदी के इस एलान पर क्या कहा…उन्होंने लिखा…
देश के मजदूर-गरीब अपनी विपदाओं के लिए प्रबंध की उम्मीद कर रहे थे लेकिन उन्हें सुनने को मिला केवल निरर्थक निबंध. क्या आधे घंटे से भी ज़्यादा समय में सड़कों पर भटकते मज़दूरों के लिए एक-आध शब्द की संवेदना की भी गुंजाइश नहीं थी, हर कोई सोचे । असंवेदनशील-दुर्भाग्यपूर्ण!
अब जरा जान लीजिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले पर क्या कहा…. सीएम योगी ने लिखा…
पीएम मोदी की यह पहल अभूतपूर्व और ऐतिहासिक है और इसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूँ।कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने तथा देश को आत्मनिर्भर बनाने में यह विशेष आर्थिक पैकेज निश्चित ही मील का पत्थर सिद्ध होगा।
जबकि पीएम मोदी की ओर से आर्थिक पैकेज का एलान करने का सीएम योगी ने लिखा-
पीएम मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक पैकेज के लिए उनका हार्दिक आभार।सभी देशवासी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत के आत्मनिर्भरता अभियान में उनके साथ हैं।
फिलहाल 20 लाख करोड़ रुपए के उस विशेष आर्थिक पैकेज में देश की 130 करोड़ जनता के लिए क्या होगा इसके लिए थोड़ा इंतजार करना हो गाया । फिलहाल राजनीति की सतह पर कही इसे निरर्थक निबंध बताया जा रहा… तो कही अभूतपूर्व और ऐतिहासिक । अब आप तय कीजिए आप किसके साथ हैं…