Akhilesh Yadav की दलित पॉलिटिक्स पर योगी की बीजेपी ने फेर डाला पानी ! अखिलेश अगर कांशीराम का लेंगे सहारा तो बीजेपी मायावती पर अपने एहसान को बताएगी !

सपा को लगता है… मायावती के कांशीराम ही दलित समाज का दिलाएंगे वोट
बीजेपी को अब एहसास हो गया… मायावती ही बीजेपी को दलित समाज का वोट दिलाएंगी
सालों बाद गेस्ट हाउस कांड का जिक्र… अखिलेश की दलित पॉलिटिक्स पर योगी की बीजेपी ने फेर डाल पानी !

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक के बाद एक ऐसी चाल रहे हैं… जिससे लगता है… उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में किसी भी कीमत पर दलित समाज का वोट चाहिए ही चाहिए… इतनी बेसब्री तो अखिलेश में तब भी नहीं थी… जब अखिलेश की सपा से मायावती का गठबंधन हुआ था… लेकिन 2024 को लेकर अखिलेश बीजेपी को किसी कीमत पर बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं… फिर चाहे इसके लिए मायावती के बेस वोटर्स को उन्हें किसी भी कीमत पर सपा के पाले में लाने होंगे…. इसलिए अखिलेश एक के बाद एक ऐसी चाल चल रहे हैं… जिसका आधार दलित वोटर के लिए उमड़ा प्यार है… इसके लिए लगता अखिलेश यादव ने सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य को टास्क सौंप दिया है… जिस कांशीराम की सियासी नीतियों का अखिलेश ताउम्र विरोध करते रहे… अब उन्ही कांशीराम के सियासी कदम अखिलेश को अच्छा सा दिखने लगा है… लगता है मोदी-योगी की बीजेपी ने अपने चाणक्यों के दम पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के नए नवेले सियासी चाल का काट ढूंढ लिया है… अखिलेश अपनी राजनीति को रफ्तार देने के लिए कांशीराम को अपना बना रहे हैं… तो बीजेपी उन्हीं कांशीराम की शिष्या मायावती को आगे कर दिया है… अब एक ऐसी घटना का जिक्र बीजेपी करेगी… जिसके केंद्र में मायावती हैं… उनके एक तरफ सपा तो दूसरी ओर बीजेपी है… ओर छोड़ की इस लड़ाई में बढ़त पाने के लिए बीजेपी मायावती की जिंदगी के उस दिन को बताने वाली है… जब सपाईयों की भीड़ के सामने बीजेपी का एक योद्धा मायावती की राजनीति की रक्षा के लिए आगे आ गया…
यूपी में साल 1995 में लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड हुआ… जिससे शिकार होते मायावती को बीजेपी के उस नेता ने बचाया था… अब बीजेपी 1995 के चर्चित गेस्‍ट हाउस कांड मामले को लेकर दलितों को लुभाने के एक नये मंसूबे पर काम कर रही है…यूपी बीजेपी अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा 14 अप्रैल को अम्‍बेडकर जंयती के मौके पर एक प्रदेशव्‍यापी अभियान चलाने वाली है… इसमें दलितों को बताया जाएगा कि किस तरह बीजेपी नेता ब्रह्मदत्‍त द्विवेदी ने गेस्‍ट हाउस कांड के दौरान समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं से बहुजन समाज पार्टी की मौजूदा मुखिया मायावती की जान बचायी थी… वहीं, विपक्ष ने इसे बीजेपी का हथकंडा करार देते हुए कहा है कि सत्‍तारूढ़ दल को ये आंदोलन चलाने के बजाय प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्‍याचार को रोकने के लिये काम करना चाहिए… अब बीजेपी को ये क्यों करना पड़ रहा है… दरअसल 2 से 3 अप्रैल को लखनऊ में बसपा की एक अहम बैठक हुई थी… इसके अलावा 3 अप्रैल को सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने रायबरेली में बसपा संस्‍थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण किया था…इसे देखते हुए बीजेपी का ये ऐलान अहम माना जा रहा है…
अब ये भी जान लीजिए गेस्ट हाउस कांड क्यों हुआ था… दरअसल साल 1995 में यूपी में सपा-बीएसपी के गठबंधन सरकार सरकार चल रही थी… तभी बीएसपी ने समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी… बीएसपी की ओर से समर्थन वापस ले लेने से उत्‍तर प्रदेश में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के नेतृत्‍व वाली सरकार अल्‍पमत में आ गई थी… इसी दौरान 2 जून 1995 को मायावती अपने विधायकों के साथ लखनऊ के मीराबाई मार्ग में मौजूद स्‍टेट गेस्‍ट हाउस के एक कमरे में अपने विधायकों से बात कर रही थीं… तभी सपा कार्यकर्ताओं की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था और इस घटना में मायावती की जान बमुश्किल बच सकी थी… और मायावती की जान बचाने में बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने अहम भूमिका निभाई थी…