श्रीराम पर Akhilesh Yadav ने वही बात दोहराई… जो राहुल ने बताई थी , श्रीराम को अखिलेश ने वैसे ही परिभाषित किया… जैसे Rahul Gandhi ने श्रीराम अपने शब्दों में की थी व्याख्या , श्रीराम पर अखिलेश-राहुल के मन की बात… अब शुरू हो गई सियासत में नई बात..
श्रीराम पर अखिलेश ने वही बात दोहराई… जो राहुल ने बताई थी
श्रीराम को अखिलेश ने वैसे ही परिभाषित किया… जैसे राहुल ने श्रीराम अपने शब्दों में की थी व्याख्या
श्रीराम पर अखिलेश-राहुल के मन की बात… अब शुरू हो गई सियासत में नई बात
स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य का ये नारा उस दौर का है… जब मंडल-कमंडल में ठनी हुई थी… जब यूपी की राजनीति से निकले देश की सियासत में दो नेता, नायक बन गए… कांशीराम-मुलायम के दौर का ये नारा अब सपा को रास आने लगा है… इसलिए मंच से स्वामी प्रसाद मौर्य ने जब ये कहा जब मिले मुलायम-कांशीराम… हवा में उड़ गए जय श्रीराम… तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने अंदाज में अपने शब्दों से जय श्रीराम को परिभाषित कर दिया… ऐसा लगा वो बीजेपी से कह रहे ये तो आपका है… हमारे तो जय सीयाराम है… कुछ कांग्रेस नेता राहुल गांधी जय श्रीराम पर अपनी बात कही थी…राहुल ने तब क्या था शब्दों में आपको बताएंगे… लेकिन अखिलेश ने श्रीराम पर क्या कहा… पहले उससे जानिए…
अखिलेश यादव
रायबरेली में कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करने के दौरान ऐसे कई नारे लगे जो 90 के दशक में मंडल-कमंडल की राजनीति के वक्त लगे थे… आज फिर लगे… तो हंगामा शुरू हो गया… अखिलेश यादव ने मंडल राजनीति के दौरान के नारों का जिक्र करते हुए बीजेपी पर साधा निशाना… अखिलेश ने कहा कि असली भगवान का जो नाम लेता है वो ‘जय सिया राम’ कहता है ‘जय श्रीराम’ नहीं कहता है…
अखिलेश ने जो बात रायबरेली अभी कही है… भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वही बात कही थी… बीजेपी और RSS को जय सियाराम कहने की नसीहत दी थी और जय श्रीराम और जय सियाराम में फर्क बताया था..राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब मध्य प्रदेश को आगर-मालवा में थी… इस दौरान आगर में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने ‘जय श्रीराम’, ‘जय सियाराम’ और ‘हे राम’ के नारों की अपने अंदाज में व्याख्या की…जय सियाराम’ इसका मतलब क्या है? जय सीता और जय राम, मतलब सीता और राम एक ही हैं। इसलिए नारा है जय सियाराम या जय सीताराम..
भगवान राम सीता जी की इज्जत के लिए लड़े.. हम जय सियाराम कहते हैं…
जय श्रीराम, इसमें हम राम भगवान की जय कहते हैं…बीजेपी के लोग जय श्रीराम करते हैं, लेकिन जय सियाराम और हे राम क्यों नहीं करते…
गांधी जी हे राम कहते थे, उनका मतलब था, जो भगवान राम है, वो भावना हमारे दिल में है। और उसी भावना को लेकर हमें जिंदगी जीना है… ये हैं हे राम
अखिलेश ने भी रायबरेली में यही कहा… श्रीराम के प्रति अपने भाव को उजागर किया… जो कहा… जो तर्क दिया… क्या माना जाए.. जय श्रीराम के कहने से कट्टरता का भाव पैदा होता है… जय सियाराम कहने समाज में शांति फैलती है… क्या जय श्रीराम शब्द पर सिर्फ बीजेपी और कट्टर हिंदुओं का अधिकार है… और अखिलेश के जय सियाराम यूपी के लिए जरूरी है…