बीजेपी पर गाने का बोल…यूपी में बज रहा सियासी ढोल !
अखिलेश ने सुनाया गाना…बीजेपी पर साधा निशाना !
साइकिल से सत्ता मिली…बस से सीट दोगुनी…अब रथ करेगा कमाल ?

https://youtu.be/6gBNDtEJ6Yc

वादा न तोड़…वादा न तोड़…जाने कहां गए वो लोग…अरे रुकिए जरा…ये मैं नहीं गा रहा,..बल्कि इन्ही गानों पर आज कल यूपी का सियासत परवान पर है,,,,योगी सरकार को घेरने के लिए अखिलेश ने नया फॉर्मूला लॉन्च किया है….समय और ट्रेंड के साथ अखिलेश यादव ने खुद के भीतर एक नये मिशन को लॉन्च कर लिया है…और प्लानिंग बना रखा हैकि..वो किस तरह से बीजेपी को घेरेंगे….इस बार अखिलेश ने बीजेपी सरकार को घेरने के लिए गजब का आइ़डिया निकाला है….वैसे से सत्ता पक्ष और विपक्ष में वार पलटवार जुबानी ही रहता है…लेकिन समय औऱ मार्केट में जब नए नए हथियार आने लगें तो खुद को अपग्रेड करना होता है…अखिलेश यादव के साथ भी कुछ ऐसा ही है..अखिलेश यादव ने यूपी की सियासत में खुद को लॉन्च करने के लिए अपग्रेड कर लिया है…सामने लोकसभा का चुनाव है ऐसे में सियासत पूरी तरह से हम माहौल बनाने में जुटी हैं….तो फिर अखिलेश यादव कहां पीछे रहने वाले थे….और अखिलेश ने कर दिखाया कि…वो अटैक करके ही दम लेंगे….इस बार अखिलेश य़ादव गाने के बोल पर हमले कर रहे हैं…जी हां अखिलेश यादव ने अपने हमले का तरीके को गाने के बोल पर ले जा चुके हैं…ऐसा नहीं है…पहले तो हमले शेरो शायरी से होते रहे हैं….लेकिन अखिलेश यादव ने तो पूरी की पूरी दिशा ही बदल दी है…ऐसे में ये एक संकेत भी है…कि आने वाले वक्त में यूपी की सियासत में पूरी तरह से गाने के बोल पर ढोल बजाएगी…तो चलिए पहले आपको अखिलेश यादव का वो ट्वीट दिखाते हैं…जिसकी चर्चा है…और योगी सरकार को घेरने के लिए गाने के बोल पर सियासत हाई है…

इन्वेस्टर्स समिट में पहले तो भाजपा सरकार के दबाव में कुछ निवेशक ‘हाँ’ कहकर चले गये लेकिन अब उनका पता नहीं चल रहा है। उप्र की भाजपा सरकार दुखी होकर गा रही है… ‘जाने कहाँ गये वो लोग’… तो अधिकारी भी गा-गाकर निवेशकों को पुकारते घूम रहे हैं… ‘वादा न तोड़-वादा न तोड़’।

अखिलेश के इस ट्वीट को देखकर आप समझ गए होंगे…कि अखिलेश यादव क्या कहना चाहते हैं….लेकिन जो भी कह रहे हैं.,.,.बीजेपी जरुर इस ट्वीट से परेशान हुई होगी…क्योकि य़ूपी की सिय़ासत में ये नया अध्याय जो है….योगी सरकार ने पिछले साल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था….ये पूरा का पूरा ट्वीट उसी मुद्दे पर हैं….अखिलेश कहना चाहते हैं कि…निवेशकों का पता नहीं है…वो कहां हैं….कुछ निवेशक हां कहकर .चले गए लेकिन आए नहीं…अखिलेश यादव ने ट्वीट में सरकार पर भी निशाना साधा है…और कहा है कि…सरकार गा रही है…जान कहां गए वो लोग…एक तरफ गाने के बोल से अटैक तो दूसरे तरफ अखिलेश यादव धीरे धीरे अपना पैंतरा भी बदल रहे हैं…और जब जब बदल रहे हैं…अखिलेश को फायदा ही रहा है….लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी सपा कार्यकताओं को जोड़ने की हरसंभव कोशिश में जुटी हुई है. इसी रणनीति के तहत अखिलेश यादव ने जिलेवार विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं और अब रथ यात्रा भी निकालकर सियासी माहौल बनाने की कवायद शुरू कर रहे हैं….इसी मद्देनजर लखीमपुर खीरी से धौरहरा के लिए अखिलेश यादव ‘लोक जनजारण यात्रा’ को रवाना करेंगे. इस तरह सपा दो लोकसभा सीटें लखीमपुर खीरी और धौरहरा को साधने की कवायद करेगी….चुनावी रथयात्रा सपा के लिए सियासी संजीवनी की तरह रही है. रथयात्रा की परंपरा मुलायम सिंह यादव ने शुरू की थी और उसे अखिलेश यादव ने आगे बढ़ाया है….. साल 1987 में मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए ‘क्रांति रथ’ निकाला था और 1989 के चुनाव में मुलायम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे…. इसी रास्ते चलते हुए अखिलेश यादव ने साल 2001 में अपने पिता मुलायम के ही अंदाज में ‘क्रांति रथ’ निकाला था…अखिलेश यादव ने 2012 के चुनाव से पहले बसपा सरकार के खिलाफ रथ यात्रा और साइकिल यात्रा निकाली थी….. इस तरह उन्होंने पूरे प्रदेश का दौरा किया था…. 2012 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से सपा की सरकार प्रदेश में आई थी और अखिलेश यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने थे…2022 के चुनाव में बस यात्रा निकाली तो अखिलेश यादव को दोगनी सीटें मिल गईं…मतलब साफ है…साइकिल यात्रा से सत्ता पाई…. बस यात्रा से सीटें दोगुनीम मिली…अब रथ पर सवार अखिलेश का प्लान सेट है…