akhilesh yadav and rahul gandhi


अब चुनाव का पारा हाई हो चुका है..जिसका इंतजार पिछले पांच सालों से विपक्ष कर रहा था..वो आखिरकार अंतिम घड़ी में है..यानी अब से पांच महीने बाद चुनाव हो सकता है…ऐसे में सियासी समीकरण मजबूत करने के लिए दलों का मिलना और दलों का घुलना भी जारी है…लेकिन यूपी की तरफ से विपक्ष में अखिलेश यादव ने् लोहा ले रखा है…इसके साथ साथ अखिलेश यादव खास रणनीति पर भी काम कर रहे हैं..,.अखिलेश यादव का मिशन इस समय सिर्फ लोकसभा चुनाव नहीं है…बल्कि कांग्रेस पार्टी का इम्तिहान लेना भी है…शायद इसिलिए सियासी समीकरण का ये जलवा अब रुकने वाला नहीं है…अखिलेश यादव जिस प्लानिंग के तहत मिशन को धार दे रहे हैं..उसकी कल्पना कांग्रेस तो क्या बीजेपी भी नहीं की होगी..खास बात ये है कि..अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव के साथ साथ पार्टी के विस्तार केबारे में भी सोच रहे हैं..यही वजह है कि..इस समय गठबंधन में मिलन का ये सिलसिला भारी प़ड़ रहा है..लेकिन अखिलेश यादव ने इसके लिए अचूक उपाय निकाल लिया है..और फॉर्मूले के तहत कांग्रेस के साथ मंच साझा करने के लिए अब परीक्षा लेंगे…कांग्रेस भी परेशान है कि..अखिलेश यादव के इस प्लान के क्या मायने हो सकते हैं…हम अपनी रिपोर्ट में अखिलेश यादव का प्लान ही बताएंगे लेकिन उससे पहले ये जानिए कि…गठबंधन में ऐसी क्या बाधा चल पड़ी है जिसके बाद अखिलेश यादव को ये फैसला लेना पड़ा है…

दरअसल यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है…अजय राय के इस बयान के बाद से सियासी संग्राम छिड़ गया है…अजय राय ने कहा कि…कांग्रेस पार्टी यूपी में सभी 80 सीटों पर तैयारी कर रही है..बस फिर क्या था…अजय राय का ये बयान अखिलेश यादव को पसंद नहीं आया …क्योंकि एक तो गठबंधन में हैं..ऊपर से ये बातें हजम किसी को नहीं होगी…तो अखिलेश यादव भी चुप नहीं बैठे…,और कांग्रेस नेता अजय राय को सटीक नसीहत दे दिए…सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अजय राय. के बयान पर कहा कि…उनको सोचना चाहिए कि…कांग्रेस के बड़े नेता गठबंधन की बैठक में बैठते हैं…तो ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए…अखिलेश यादव की ये नसीहत क्लीयर था…कि यूपी के बारे में कांग्रेस अगर तैयार कर भी रही है तो सोच ले…क्योंकि सपा का कहना है..हम सीट मांग नहीं रहे हैं..बल्कि दे रहे हैं…ऐसे में सियासी संग्राम तो मचना ही होगा..यूपी में सपा का अलग जलवा है क्योंकि यूपी में सपा का दबदबा है..ऐसे में अखिलेश तय करेंगे कि..आगे क्या करना है…

शायद इसिलिए अखिलेश यादव ने कांग्रेस की परीक्षा लेने की योजना बनाई है…अखिलेस यादव चाहते हैं कि.,.,.पहले .ये पता चले की कांग्रेस के पास कितना दिल है…अगर कांग्रेस के पास दिल है तभी सपा भी दिल दिखाएगी…देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में गठबंधन का सबसे बड़ा दल अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी है जो कह रही है कि वो सीट मांग नहीं रही है बल्कि दे रही है… गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है जिसके नेता मानने को तैयार नहीं है कि यूपी में उनकी पार्टी अखिलेश यादव के रहम पर है…शायद इसिलिए अजय राय ने ऐसा बयान दिया हो..,लेकिन अब अखिलेश यादव परीक्षा लेने की योजना बना रहे हैं…सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की परीक्षा लेंगे…. तीन राज्यों के चुनाव में अगर कांग्रेस बड़ा दिल दिखाती है तो यूपी में अखिलेश यादव दिखाएंगे…इस समीकरण के कई मायने् हैं..कांग्रेस की नीयत का पता लगना और पार्टी के विस्तार में जुटना…