सब स्वामी और पल्लवी ने अखिलेश को आंख दिखाने का प्रयास किया… तब अखिलेश ने दोनों को उनकी राजनीति का आईना दिखा
उस आईने में स्वामी और पल्लवी के लिए दो शब्दों को इस अंदाज में चस्पा किया… जो उन्होंने किया, उसका क्या उठाना पड़ेगा खामियाजा उसको पूरी तरह से बता दिया
समय से लेकर धोखा इससे नहीं मार पाएंगे स्वामी और पल्लवी सियासत की पिच पर चौका !… खत्म हो जाएगा मौका ही मौ का !
राजनीति की दुनिया में ये वक्त वक्त की बात है, वक्त पर किसी का किसी को साथ मिलता है… तो कोई साथ छोड़कर कुछ और ही रास्ता अख्तियार करता है… खुद तो उलझता है… साथ ये सोचकर हम तो उलझेंगे ही उन्हें भी उलझा देंगे… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐसी ही उलझन वाली स्थिति में अपने उलझाने वाले साथियों के क्लियर कट मैसेज दिया है… उनके दिलो दिमाग में जो है… और उनके साथियों के जेहन में जो राजनीतिक कीड़ाबंदी से भरी तुकबंदी को ब्रेक लगाने के लिए राजनीति की सतह लाने का एक बड़ा प्रयास किया है… स्वामी प्रसाद मौर्य के भ्रम और पल्लवी पटेल की राजनीतिक दंभ को तोड़ने के लिए अखिलेश ने ऐसा बयान दिया… जो है तो चंद लाइनों में लेकिन इतने सख्त तल्ख अल्फाज का इस्तेमाल किया… जिस सुनकर स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल के मिजाज में बैठी गर्मी में यातो नरमी आएगी… याफिर दोनों ही अपने लिए अलग रास्ते को नापने का प्रयास करने लगेंगे…
दरअसल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के महासचिव पद से इस्तीफा देने और विधायक पल्लवी पटेल के राज्यसभा चुनावों में वोट न देने के सवाल पर कहा कि किसी की कोई नाराजगी नहीं है… राजनीति में ऐसा समय आता है, उसी समय को हम लोग देख रहे हैं… अखिलेश यादव ने कहा कि इसमें किसी की कोई चाल नहीं है… आदमी को अपने आप को खुद को धोखा नहीं देना चाहिए… अखिलेश ने यहां समय का जिक्र किया है… समय वही कभी रहा… जब अखिलेश ने स्वामी से लेकर पल्लवी पटेल की राजनीति को अपना सहारा दिया… और एक समय ये जब अखिलेश को इनकी जरूरत है… तो इनका मिजाज किसी और तरफ ही भटक रहा है… अपने बयान में अखिलेश ने एक और शब्द पल्लवी और स्वामी के लिए खुद को धोखा देना का इस्तेमाल किया… जाहिर जिस ईगो में बहकर अखिलेश को ये नेता आंख दिखा रहे हैं… अखिलेश इन्हें आईना दिखाने लगे… शायद कह रहे हो… उड़ तो रहे हो जमीन तो देख लीजिए….