CM Yogi को मालूम है… उनके पास Amitabh Yash है, माफिया तो डरेगा ही ! Asad-Gulam का Encounter का पूरा रुट चार्ट, इस एनकाउंटर के लिए लगाना पड़ा दिमाग !

यूपी पुलिस में एक ऐसा पुलिस अफसर है… जो तय कर लेता है… ये करना है तो करके दिखा देता है !
अतीक को मालूम है… जबतक सीएम योगी के पास वो अफसर है… तबतक उसकी खैर नहीं… ऐसा ही हुआ !
यूपी पुलिस के उस जांबाज अफसर ने ऐसी घेराबंदी की… अतीक का गुनहगार बेटा असद अहमद ढेर हो गया…

जीहां ज्यादा राग लेपट नहीं… वो पुलिस अफसर और कोई नहीं अमिताभ यश है… जो तब चर्चा में आते हैं… जब अपना टास्क ईमानदारी से पूरा कर लेते हैं… इस बार भी जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में उमेशपाल हत्याकांड पर डंके की चोट पर कहा था… माफिया को मिट्टी में मिला देंगे… तभी से यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश का काम शुरू हो गया… तब से लेकर अब तक और आने वाले वक्त तक… जबतक माफिया अतीक अहमद के गुनाह में शामिल अपराधियों को अमिताभ यश सलाखों के पीछे नहीं भेज देते हैं… या फिर मिट्टी में नहीं मिला देते तबतक लगता नहीं है… वो चैन से बैठने वाले हैं… अमिताभ यश का ट्रैक रिकॉर्ड देखेंगे तो यही पाएंगे… उमेश पाल हत्याकांड में शामिल असद अहमद और शूटर गुलाम यूपी एसटीएफ के रडार में किस तरह से आए… किस तरह से यूपी एसटीएफ ने उन्हें धर दबोचने के लिए अपना पसीना बहाया… उसे बताएंगे… लेकिन उससे पहले जानिए क्यों माफिया अतीक अहमद अमिताभ यश के नाम पर कई दिनों से रो रहा था… इसे समझने के लिए चलिए फ्लैश बैक में ले चलते हैं…
मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी… 2 महीने बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी क्षमता पर भरोसा करते हुए… मई 2017 में एसटीएफ का आईजी बनाया गया… जनवरी 2021 में आईजी से एडीजी के पद पर प्रमोशन हुआ तो अमिताभ यश एडीजी एसटीएफ बनाए गए… बीते 5 साल 10 महीने से अमिताभ यश एसटीएफ को संभाल रहे और इस दौरान एसटीएफ ने 50 से ज्यादा दुर्दांत अपराधी इनामी बदमाश डकैतों को मार गिराया… अकेले अमिताभ यश ने डेढ़ सौ से ज्यादा बदमाशों को अपने करियर में ढेर किया… अमिताभ यश ने इस दौरान उत्तर प्रदेश से मुख्तार, अतीक गैंग के तमाम शार्प शूटरों को ढेर किया… ऐसा माना जाता है कि अमिताभ यश ने पेपर लीक कराने वाले गैंग से लेकर डार्क वेब, नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले गैंग तक शिकंजा कसा… कानपुर के बिकरू में 8 पुलिसकर्मियों की जान लेने वाले विकास दुबे और उसके गैंग को अमिताभ यश की टीम ने ही ढेर किया… यूपी के आयुष प्रवेश घोटाले, टीईटी पेपर लीक मामला, पशुपालन घोटाला या फिर हालिया कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक के कथित भ्रष्टाचार का मामला हो… इन चर्चित मामलों का खुलासा और आरोपियों को गिरफ्तार करने में एडीजी अमिताभ यश की अहम भूमिका है… और इसी वजह से अतीक अहमद कांप रहा था… बार बार बोल रहा था… उसकी जिंदगी के साथ खेल हो जाएंगे… उनके बेटों के साथ खेल हो जाएंगे… इसी को देखते उसने अपने दो बेटों को सरेंडर भी करा दिया.. लेकिन सबसे छोटा असद अहमद ने ऐसा नहीं किया… सोचा होगा वो यूपी एसटीएफ को चकमा दे देगा… लेकिन ऐसा हुआ नहीं…
यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने असद अहमद और शूटर गुलाम को अपने शिकंजे में लेने के लिए पहले अपने तेजतर्रार पुलिस कर्मियों की टीम बनाई…जिसमें शामिल किया गया…

सीओ नवेन्दु कुमार
सीओ विमल कुमार
इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह
इंस्पेक्टर ज्ञानेंद्र कुमार राय
एसआई विनय तिवारी
कांस्टेबल पंकज तिवारी
कांस्टेबल सोनू यादव
कांस्टेबल सुशील कुमार
कांस्टेबल सुनील कुमार
कमाण्डो अरविंद कुमार
कमाण्डो दिलीप कुमार यादव

असद को धड़दबोचने के लिए टीम पूरी हुई… तो एडीजी अमिताभ यश की टीम की ओर से असद अहमद औऱ शूटर गुलाम को अपने हत्थे में लेने का अभियान शुरू हुआ… अमिताभ यश की ये टीम इन्हें ढूंढने के लिए एक जगह से दूसरी जगह… हर ओर दबिश डालती गई….इन्हें ट्रेस किया गया… एसटीएफ की टीम ने सबसे पहले असद और गुलाम की मौजूदगी को मेरठ में ट्रेस किया… जहां ये अपने रिश्तेदार के यहां ठहरा हुआ था… लेकिन जब तक पुलिस अपनी गिरफ्त में लेती तबतक वो दोनों फरार हो गए… लेकिन अमिताभ की टीम ने हिम्मत नहीं हारी… उन्होंने इन्हें अपनी गिरफ्त में लेने का प्रयास जारी रखा… अबकी ट्रेस किया तो पता चला… दोनों दिल्ली के संगम विहार में मौजूद है… एसटीएफ की टीम वहां पहुंची तो दोनों चकमा देकर राजस्थान के अजमेर शरीफ पहुंच गए… जहां माना जा रहा है… कि दोनों ने ख्वाजा अजमेर शरीफ के दरगाह पर जाकर अपनी जिंदगी की सलमाती के लिए दुआएं मांगी… लेकिन उन्हें पता नहीं था… खुंखार अपराधियों के लिए काल बने… उन्हें ठोकने वाले अमिताभ यश के प्रॉपर टारगेट पर हैं… शायद अमिताभ यश ने खुद से कमिंटमेंट कर लिया था… जब तक ठोकेंगे नहीं तबतक छोड़ेंगे नहीं… और ऐसा ही हुआ… असद अहमद और शूटर गुलाम अजमेर शरीफ से जब झांसी पहुंचा… एसटीएफ की टीम को इस बात की पुख्ता जानकारी वक्त रहते हुए मिल गई… अपनी पहले की चूक से लेते हुए उन्होंने कोई चूक नहीं की… सुनयोजित तरीके से एसटीएफ की टीम ने एक घेराबंदी की… जिसमें दो सीओ, दो इंसपेक्टर समेत एसआई, कांसटेबल औऱ कमाण्डो ने मोर्चा संभाला… असद और गुलाम के पास विदेशी हथियार थे… उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी… पुलिस की ओर से भी फायरिंग हुई… जवाबी कार्रवाई में असद और गुलाम ढेर हो गया… और जो डर माफिया अतीक अहमद को हो रहा था… वही हुआ… कुल मिलाकर यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश और उनकी टीम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से दिए एक और टास्क को पूरा किया…