बरेली : कहा जाता है की डॉक्टर धरती के भगवान होते है। और कोरोना जैसी महामारी में तो डॉक्टरों की जिम्मेदारी और भी ज्यादा बढ़ जाती है। लेकिन जब इस तरह की संवेदनहीनता सामने आती है तो इस पेशे पर भी सवाल खड़े हो जाते है। यूपी के बरेली में मानवता को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक माँ ने आरोप लगाया है की निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने उसके 15 महीने के मासूम का इलाज नही किया जिस वजह से उसकी मौत हो गई।
आपको बता दें बच्चे की माँ पिंकी का कहना है की जैसे ही डॉक्टरों को पता चला की मरीज सुभाषनगर से है तो डॉक्टरों ने उसे बैरंग लौटा दिया। दरअसल सुभाषनगर में ही एक ही परिवार के 6 लोग कोरोना (Covid-19) पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद बरेली प्रशासन ने उस इलाके को हॉटस्पॉट बनाया । यही कारण है उस इलाके का होने की वजह से पिंकी के बेटे का जिला अस्पताल के अलावा किसी भी निजी अस्पताल ने इलाज नही किया। 15 महीने का गुरुसेवक 4 बहनों में इकलौता था और बड़ी मन्नतों के बाद बेटे का जन्म हुआ था। बच्चे के चाचा का कहना है की वो कई अस्पतालों में गए लेकिन किसी ने भी उनके बच्चे को नही देखा।
सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला ने बताया ये बच्चा पहले जिला अस्पताल आया था लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से उसके बेहतर इलाज के लिए उसके घर वाले उसे निजी अस्पताल ले गए। उनका कहना है की वो उस बच्चे को कई अस्पतालों में ले गए लेकिन किसी ने भी बच्चे का इस वजह से इलाज नही किया क्योंकि वो सुभाषनगर का था। ये मामला बेहद गंभीर है, बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, इस कारण से किसी व्यक्ति की मौत हो जाए ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। बार बार बताया गया है की इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाये निरन्तर देते रहे ये अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रकरण की विस्तृत जांच कराकर कठोरतम कार्यवाही की जाएगी। ऐसी स्थित में इस प्रकार की संवेदनहीनता बिल्कुल स्वीकार नही की जाएगी।
वही डीएम नीतीश कुमार का कहना है इस प्रकरण की सीएमओ से जांच करवाई जाएगी।