पहले के समय में गांवों में अक्सर जादूगर आते थे…जिनके पास पोटली हुआ करती थी…उनके पोटली में तरह तरह की चीजें रहती थीं…जिससे वो जादूगरी का खेल दिखाते थे…खेल देखने वालों को भी बहुत मजा आता था…और वो खूब इसका आनंद लेते थे…समय बदला तो चींजे भी बदल गईं…और जादूगर को देखना भूल गए और जादूगर ने भी अपनी जादूगरी से रास्ता अलग कर लिया…लेकिन अब भले ही जादूगरी का खेल नहीं है लेकिन पोटली आज भी है.,..अब सीधे मुद्दे पर आते हैं…इनको देखिए….ये हैं बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री…अब भला इनको कौन भूल सकता है…आज कल शास्त्री जी खूब चर्चा में है…कहीं अंधविश्वास को लेकर तो कहीं विश्वास को लेकर…लेकिन इन सब के बीच बागेश्वर धाम सरकार के पास एक ऐसी चीज है जिसकी तरफ शायद ही किसी की नजर गई होगी…वही जादूगरी की पोटली…बस फर्क इतना है…पोटली काले रंग की नहीं है…और जादूगरी की चीजें न होकर सनातन धर्म से जुड़ी चीजें हैं…हम आपको ऐसा इसलिए बता रहे है कि.,..आखिर इस पोटली का राज क्या है…क्या वजह है कि…बागेश्वर धाम सरकार जहां भी कथा के लिए जाते हैं इस पोटली को साथ नहीं छोड़ते..फिल्मों में एसी कई तरह की चीजें दिखाई जा चुकी हैं…जिनके पास जादूगरी की पोटली या फिर कुछ होता है तब तक उनके पास शक्तियां रहती हैं…क्या बागेश्वर धाम के पास भी जो पोटली है उसमे शक्तियां हैं…ऐसे सवाल इस समय इस लिए उठ रहे हैं कि..नागपुर की घटना के बाद धीरेंद्र शास्त्री ने रायपुर में चैलेंज दिया था…वहां अपने कई करामात भी दिखाए हैं…तो हम बिना देर किए बताते हैं आपको धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास जो पोटली है उसमे क्या क्या है और क्या हैं उनका रहस्य…
छोटी गदा
छोटी गदा को बाबा बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री वाई फाई बताते हैं…उनका कहना है कि…इस गदा से उनके चारों तरफ तरंगे आ जाती है…और उनको शक्तियां मिल जाती हैं..धीरेंद्र शास्त्री ने जब भी जहां भी कथा शुरू किया है वहां इस गदे को जरुर निकाला है…कथा शुरू करने से पहले और बीच बीच में छोटी गदा को धीरेंद्र शास्त्री अपने चारों ओर 6 बार घुमाते हैं…और फिर उनके हिसाब से जैसा उन्होंने कहा है कि तरंगे आ जाती हैं..और उनको शक्तियां मिल जाती हैं….
कोकोनट कप
नारियल के आधे हिस्सो को बागेश्वर धाम सरकार ने कप बनाया है…वो चाय पानी इसी कप में पीते हैं..यानी न पीतल के और न ही स्टील ,मिट्टी के कप में पानी या चाय को पीते हैं…कोकोनट कप में चाय पीने को लेकर भी उनका कुछ अलग ही रहस्य है…बागेश्वर धाम सरकार मानते हैं कि…कोकोनट कप में चाय पीने से उनको शक्तियां मिलती हैं…जिसे वो ऊर्जा कहते हैं…
पर्ची और लेटर पैड
पर्ची जो इनके पोटली का वो हिस्सा है जो सबसे ज्यादा बार देखा जाता है…किसी भी भक्त की अर्जी के बाद पर्जी को ही बागेश्वर धाम सरकार पर्ची कहते हैं…धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने भक्तों को इसी पर्ची में मंत्र और वो किस काम के लिए या किस परेशानी से तंग है…ये भी पहले से लिख दिया जाता है…पर्ची को लेकर ही बागेश्वर धाम सरकार की लोकप्रियता बढ़ती गई है….धीरेंद्र कृष्ण मानते हैं कि.,.पर्ची में जो है वो इष्ठ देवता से कृपा मिलताी है…और लेटर पैड में जो लिख दिया वो कोई भी काट नहीं सकता…भक्त से मिलने से पहले ही लेटर में उसकी परेशानी और समाधान को लिख दिया जाता है…
हार
वैसे साधु संतों को अक्सर आपने देखा होगा कि..वो रुद्राक्ष की माला पहनते हैं लेकिन बागेश्वर धाम सरकार की वेश भूषा अलग है…शॉल जैसे ड्रेस के साथ साथ हार को पहनते हैं…शास्त्री मानते हैं कि…इस हार से भक्ति की शक्ति मजबूत होती है..हालांकि इन सबके साथ साथ बागेश्वर धाम सरकार की एनर्जी की भी चर्चा है….जोश के साथ और बोलने की कला भी कुछ अलग है…धीरेंद्र शास्त्री खुद कहते हैं कि वो बाबा नहीं हैं.,..बल्कि शास्त्री हैं…उन्होंने कोई सन्यास नहीं लिया है…..