BSP सासंद Afzal Ansari अपने गढ़ में भी अपना प्रत्याशी नहीं उतार पाए… क्या रही वजह

अफजाल अंसारी के ‘गढ़’ में बसपा उम्मीदवार नहीं… पूछने वाले पूछ रहे हैं… ऐसा क्यों ?
BSP सासंद अफजाल अंसारी अपने गढ़ में भी अपना प्रत्याशी नहीं उतार पाए… क्या रही वजह
क्या अफजाल अंसारी से मायावती का हो गया मोहभंग… या फिर मायावती अफजाल की सियासत के रंग में रंग गयी ?

पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी का अपना सियासी रसूख है… भले मुख्तार अंसारी, उसका बेटा अब्बास अंसारी, उसकी बहू जेल में बंद हो… भले मुख्तार अंसारी की पत्नी अभी फरार हो… लेकिन अब भी पूर्वांचल खासकर गाजीपुर और मऊ में उनकी सियासत अपनी धमक रखती है… क्योंकि अब भी उनके बड़े भाई अफजाल अंसारी कमर कसकर अपनी सियासत को रफ्तार दे रहे हैं… बावजूद इसके मुहम्मदाबाद से अपना प्रत्याशी उतार नहीं पाए… तो क्यों … जबकि लखनऊ में निकाय चुनाव के एलान के ठीक पहले बीएसपी ने ने संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ ही कुछ अहम कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलायी थी… बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने निकाय चुनाव को लेकर दिशा निर्देश दिया था…मीटिंग के बाद ये कहा गया था कि बीएसपी निकाय चुनाव को बेहद गंभीरता से लड़ेगी… इसके बाद भी बीएसपी गाजीपुर के मुहम्मदाबाद नगर पालिका पर अपना कैंडिडेट नहीं खड़ा कर पायी… हैरानी इसलिए भी क्योंकि गाजीपुर के बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी का मूल निवास मुहम्मदाबाद में ही है…

कहा जाता है… सपा-बसपा में अंसारी परिवार का प्रभाव टिकटों के वितरण को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से चलता है… वहीं बीएसपी संगठन से जुड़े लोगों का मानना है कि पार्टी का मुहम्मदाबाद से चुनाव नहीं लड़ने जैसा कोई निर्णय नहीं था… प्रत्याशी को सिंबल देरी से मिला… जिसके कारण समय सीमा के भीतर नामांकन नहीं हो पाया… जंगीपुर नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए भी बीएसपी कैंडिडेट नही कॉन्टेस्ट करा रही है… हालांकि अन्य 6 सीटों पर बीएसपी दमदारी से चुनाव लड़ रही है…

बीएसपी ने इस बार के निकाय चुनाव में अध्यक्ष शमीम अहमद को टिकट नहीं दिया, उन्होंने निर्दलीय के तौर पर पर्चा भरा… जिसके बाद नाम वापसी के अंतिम दिन शमीम ने अपनी दावेदारी वापस ले ली…इसके साथ ही साथ सैदपुर से सरिता सोनकर और बहादुरगंज नगर पंचायत से निखत परवीन बसपा ने जीती थी… निखत के पति रियाज अहमद खुद ही इस बार मुहम्मदाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं… वही सरिता एसपी के सिंबल पर चुनावी मैदान में है… रियाज अहमद के पर्चा दाखिले के समय मुहम्मदाबाद के विधायक और बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी के भतीजे शोएब अंसारी खुद मौजूद रहे…

2017 के निकाय चुनाव में 8 में से 4 सीटें बीएसपी के कैंडिडेट ने जीती थी… इस बार के सियासी समीकरण ऐसे बने कि मुहम्मदाबाद और जंगीपुर नगर पंचायत और नगरपालिका सीट पर बीएसपी अपने उम्मीदवार ही कंटेस्ट नहीं करा रही है… इसकी वजह ये भी रही कि पिछली बार बीएसपी से जीतने वाले दो निवर्तमान चेयरमैन टिकट नहीं मिलने के बाद… वो बीएसपी से नाराज होकर एसपी में चले गए… 2017 में हुए निकाय चुनाव में बीएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 8 सीटों में से नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष की कुल 4 सीटों पर फतह हासिल की थी…