हाइलाइट्स
- चंद्रशेखर की राजनीति में बढ़ गई रफ्तार… ‘INDIA’ गठबंधन का बढ़ेगा आधार?
- आरएलडी ने मन बना लिया… चंद्रशेखर ने तय कर लिया… 2024 की लड़ाई में अपनी राजनीति का दिखाएंगे दम
- पश्चिमी यूपी की इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं चंद्रशेखर आजाद! किस पार्टी का होगा सिंबल?
सियासत के शतरंज की बिसात पर पश्चिम यूपी में आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के लिए एक कोना रखने का ऐलान होने वाला है… एक फैसला ऐसा लिया जाएगा… जिससे सुनकर चंद्रशेखर की राजनीति को लाइक करने वालों एक बड़ी खुशी मिलेगी… कहा जा रहा है… चंद्रशेखर आजाद को एक ऐसी सीट से इंडिया गठबंधन की ओर से मैदान में उतारा जाएगा… जहां से जीत की संभावना ज्यादा… माना जा रहा है… आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने भी मन बना लिया है… वो उसी सीट से 2024 की लड़ाई में बीजेपी के खिलाफ अपनी सियासत का आगाज करेंगे… उस सीट को लेकर बकायदा उन्होंने अपनी पार्टी और कार्यकर्ताओं से मिलकर बात करने का मन बनाया है…. अब जबकि चंद्रशेखर ऐसा फैसला लिया है… तो सियासी गलियारे में इसकी खूब चर्चा भी हो रही है… क्योंकि कहा जा रहा है… चंद्रशेखर की राजनीति में सक्रियता अगर होगी… तो दलित वोटबैंक का झुकाव इंडिया गठबंधन की पार्टियों की ओर होगा… वैसे भी देखा जाए तो चंद्रशेखर आजाद की राजनीति को लेकर दलित युवाओं में क्रेज है… जंतर मंतर पर चंद्रशेखर अपनी सियासत का शक्ति प्रदर्शन करके ये साबित भी किया… जब उनके कहने भर लाखों की संख्या में पिछड़े और दलित समाज से आने वाले लोगों की भीड़ उमड़ी… चंद्रशेखर की इस रैली की शक्ति का एहसास बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी किया… ये चंद्रशेखर की सियासी ताकत में इजाफा ही थी… जिसकी वजह से मायावती लखनऊ छोड़कर दिल्ली में ज्यादा वक्त बीताने लगी… चंद्रशेखर का दलित युवाओं में बढ़ते क्रेज की वजह से ही अबतक सोशल मीडिया से राजनीति करने वाले बीएसपी कॉर्डिनेटर आकाश आनंद को अपनी सियासत को जमीन पर लाने के लिए मजबूर होना पड़ा… जनता के बीच उनसे मिलकर उनसे बात करने की आदत डालनी पड़ी… सियासत की दुनिया में चंद्रशेखर के बढ़ते कद की वजह से ही बीजेपी विरोधी पार्टियों की नजर उनपर गई… अब माना जा रहा है… वो 2024 की लड़ाई में मैदान में उतरेंगे… उनके लिए सीट भी तय हो चुकी है…
दरअसल उत्तर प्रदेश में बसपा प्रमुख मायावती की साख में गिरावट के बीच आजाद विपक्ष को अनसूचित जाति के मतदाताओं के बीच अपनी पैठ मजबूत करने में मदद कर सकते हैं….राष्ट्रीय लोक दल भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आजाद को अपने साथ लाने और विपक्ष को अनसूचित जाति के वोटों का लाभ दिलाने का प्रयास कर रहा है…. आरएलडी के मुताबिक पार्टी के निश्चित रूप से आजाद के साथ “अच्छे संबंध” हैं….हालांकि, उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से परहेज किया कि भीम आर्मी प्रमुख कब और कैसे विपक्षी गुट में शामिल होंगे, लेकिन कहा कि समय के साथ इंडिया की संख्या “बढ़ी है” और आने वाले दिनों में “निश्चित रूप से और बढ़ेगी”… माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में बसपा प्रमुख मायावती की साख में गिरावट के बीच आजाद विपक्ष को अनसूचित जाति के मतदाताओं के बीच अपनी पैठ मजबूत करने में मदद कर सकते हैं….
सहारनपुर जिले के घडखौली गांव के रहने वाले आजाद ने अनसूचित जाति के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अनसूचित जाति आइकन अंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशी राम का सहारा लिया है…. माना जा रहा है… अगर योजना अंतिम रूप ले लेती है तो आजाद यूपी में एसपी-आरएलडी-कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा बन जाएंगे….कहा जा रहा है कि आजाद बिजनौर की आरक्षित सीट नगीना से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, जहां अनसूचित जाति और मुसलमानों की संख्या अधिक है….उनका 9 अक्टूबर को नगीना में एक सार्वजनिक बैठक करने का भी कार्यक्रम है… नगीना का प्रतिनिधित्व वर्तमान में बसपा के गिरीश चंद्र कर रहे हैं, जिन्होंने 2019 में भाजपा के यशवंत सिंह को 1.6 लाख से अधिक वोटों से हराकर सीट जीती थी. तब बसपा को गठबंधन के तहत सपा का समर्थन मिला था….