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Chandrashekhar Azad Ravan vs Mayawati: बीएसपी प्रमुख मायावती अब क्या करेंगी… बीएसपी कॉर्डिनेटर आकाश आनंद अब क्या करेंगे… कैसे आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad Ravan) की राजनीति को रोकेंगे… कैसे देंगे जवाब… अभी कुछ दिन कुछ महीने पहले की ही बात थी… जब चंद्रशेखर ने दिल्ली के जंतर मंतर में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था… राजनीति के धुरंधरों को बताया था… दलित समाज में युवा के दिलों पर उनका कब्जा है… दलित समाज के यूथ के बीच उनका ही क्रेज है… अभी कुछ दिन पहले की बात थी… मध्यप्रदेश से लेकर राजस्थान हर जगह चंद्रशेखर ने दलितों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी…. अभी महज कुछ दिन पहले की ही तो बात थी… चंद्रशेखर आजाद ने यूपी के अलग अलग जिलों में दलितों के बीच यात्रा निकाली थी… एक तरह से चंद्रशेखर ने साबित किया था… उनकी पहुंच दलित समाज के बीच उनकी बढ़ चुकी है… इसपर बीएसपी से लेकर बीजेपी मंथन ही कर रही थी… कि चंद्रशेखर ने मायावती-आकाश आनंद के ‘नायक’ की विरासत पर ही अपने अधिकार बता दिया… चंद्रशेखर के नए ऐलान से बीएसपी प्रमुख मायावती और बीएसपी कॉर्डिनेटर आकाश आनंद की टेंशन तो जरूर बढने वाली है…

कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर अब आजाद समाज पार्टी चीफ चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) का सियासी जलवा दिखने वाला है… पश्चिम यूपी से लेकर पूर्वांचल तक अब चंद्रशेखर के ही नारे लगेंगे… चंद्रशेखर का ये कदम एक तरह से मायावती के गुरु कांशीराम की राजनीति पर अपना अधिकार जमाने जैसा है…


माना जा रहा है… लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा को टक्कर देने की तैयारी कर रही आजाद समाज पार्टी बहुजन नायक का परिनिर्वाण दिवस पूरे जोर-शोर से मनाएगी… भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद कांशीराम जी के परिनिर्वाण दिवस पर यूपी में 3 बड़ी रैलियां करेंगे… इन रैलियों में चर्चा कांशीराम की होगी, लेकिन इन रैलियों के 2 बड़े मकसद हैं… पहला मिशन 2024 फतह, दूसरा बड़ा मकसद बसपा को मात देकर यूपी में दलितों के बड़े नेता की पदवी हासिल करना…चंद्रशेखर लगातार यूपी में दलित राजनीति का अहम चेहरा बनने के प्रयास में है… वो बेहतरी से जानते हैं कि बसपा को डाउन करके ही वो दलितों के मन में अपने लिए स्थान बना पाएंगे… इसलिए आजाद समाज पार्टी ने दलितों को साधने के लिए अब संवेदनात्मक रुख अपनाया है… पार्टी ने दलितों के मसीहा, महापुरुष कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर बड़ी प्लानिंग की है


9 अक्तूबर को बहुजन नायक कांशीराम का परिनिर्वाण दिवस है… हर साल बसपा कांशीराम की जयंती और परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें याद करती है… बसपा प्रमुख मायावती कांशीराम की जयंती पर भव्य आयोजन करती हैं… उसी तरह उनके परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें याद किया जाता है… इसी राह पर चलते हुए आजाद समाज पार्टी मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने कांशीराम परिनिर्वाण दिवस को दलित वोटर के बीच पहुंचने का जरिया बनाया है… पार्टी यूपी में 3 बड़ी रैलियां करेगी… इन रैलियों के लिए यूपी को 3 भागों में बांटा है… इन रैलियों की शुरूआत पश्चिमी यूपी से होगी…


9 अक्तूबर कांशीराम परिनिर्वाण दिवस के दिन चंद्रशेखर आजाद पहली रैली करेंगे…ये रैली वेस्ट यूपी के बिजनौर की नगीना लोकसभा सीट पर होगी
दूसरी रैली 22 अक्तूबर को पूर्वांचल में होगी… आजमगढ़ को चुना गया है
तीसरी रैली मध्यांचल की होगी… इस रैली को कानपुर में रखा गया है

इन तीनों रैलियों में चंद्रशेखर (Chandrashekhar Azad) खुद जाएंगे… पार्टी कार्यकर्ताओं को अभी से तीनों रैलियों में भारी भीड़ जुटाने का टार्गेट दिया गया है… भीड़ में भी प्रमुख फोकस युवाओं की भीड़ ज्यादा पहुंचाने पर रखा गया है… आपको बता दें कि आजाद समाज पार्टी प्रमुख चंद्रशेखर बिजनौर, नगीना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं… इसी सीट पर अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं… कांशीराम परिनिर्वाण दिवस का मुख्य आयोजन भी इसी सीट पर रखा गया है… ताकि जनता विशेषक दलित वोटर के बीच एक बड़ा संदेश जा सके… रैली को सफल बनाने के लिए लगातार बैठकें और जनसंपर्क भी चल रहा है…