CM Yogi Adityanth के नाम हो गया एक और Record दर्ज | Akhilesh Yadav-Mayawati इस मामले में रह गए बहुत पीछे !

निकाय चुनाव का प्रचार खत्म … योगी के नाम हो गया एक और रिकॉर्ड दर्ज होने तक योगी के नाम हो सकता है एक और रिकॉर्ड!
अखिलेश, मायावती और प्रियंका रह गए पीछे… योगी ने मार ली बाजी
योगी की सियासत एक्टिव… विरोधियों पर हुई हावी… विरोधी देखते रहे गए योगी आगे निकल गए

इस वक्त ना सिर्फ यूपी बल्कि देश के अन्य राज्यों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चर्चा लोगों की जुबां पर है… कर्नाटक में तो योगी का क्रेज है… अक्सर लोग पूछते मिल जाएंगे… आप यूपी से हैं… वहां तो माफियाओं, बाहुबलियों और अपराधियों की खैर नहीं है… ये सिर्फ कर्नाटक ही नहीं… पड़ोसी राज्य बिहार में भी है… तो यूपी के सीएम, योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली का मुरीद लोग बन रहे हैं… ये आप मानिए या नहीं मानिए… योगी के सामने यूपी बीजेपी से हीं नहीं… यूपी में उनके विरोधियों में से भी कोई नेता कही ठहर नहीं पा रहे हैं… ये सिर्फ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गुणगान करने के लिए नहीं कह रहे हैं… वास्तविकता है… जिसे कोई नकार नहीं सकता है…

अब देखिए… यूपी में निकाय चुनाव खत्म होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक औऱ रिकॉर्ड दर्ज हो गया… जिसके सामने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बीएसपी प्रमुख मायावती समेत यूपी के दिग्गज नेता कही नहीं ठहरते हैं… मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राजनीति हर बार लगातार श्रेष्ठतम नतीजे यूं ही नहीं आ जाते हैं… इसके लिए पूरी शिद्दत से दिन-रात लगना होता है… सालों से योगी आदित्यनाथयही काम करते रहे हैं… तब भी जब उनको जीत सुनिश्चित जान पड़ती थी… गोरखपुर संसदीय सीट की अगुवाई करते हुए उन्होंने नगरीय निकाय के एक चुनाव में 74 जनसभाएं करके भाजपा के पक्ष में बाजी पलट दी थी… वो भी तब मेयर बीजेपी का ही बनेगा इसका उनको पूरा यकीन था… 2023 में नगरीय निकाय चुनावों में भी बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यही कर रहे हैं… सूबे की कमान संभालने के बाद चुनाव दर चुनाव वह इसी शिद्दत से प्रचार में जान लड़ा देते हैं… फिर तो मौसम भी उनके अभियान के आड़े नहीं आता…
मालूम हो कि नगर निकाय के पहले चरण के चुनावों में योगी ने 28 जनसभाएं और सम्मेलन किए थे… इस दौरान वह 37 जिलों में से करीब दो दर्जन जिलों में पहुंचे। जिन 10 शहरों में नगर निगम के चुनाव होने थे… उन सबमें वो गए…पहले चरण का मतदान 4 मई को हुआ… अपने गृह जनपद गोरखपुर में मतदान के तुरंत बाद योगी

दूसरे चरण के प्रचार के लिए सिद्धार्थनगर,
बस्ती, सुलतानपुर और अयोध्या के तूफानी
दौरे पर निकल गए

अयोध्या के लिए तो ये योगी का दूसरा दौरा था…

अगले दिन 5 मई को उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश
के हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, मेरठ और गाजियाबाद
का तूफानी दौरा किया

6 मई को तय कार्यक्रम के अनुसार वो बतौर स्टार प्रचारक कर्नाटक विधानसभा के लिए चुनावी दौरे पर रहे…8 मई को बाराबंकी, मिर्जापुर और अयोध्या, 9 मई को कानपुर, बांदा, चित्रकूट में योगी ने चुनावी सभाएं की…
माना जा रहा है कि दूसरे चरण का अब जबकि प्रचार खत्म हो गया है तो उनके इस चुनाव के बाबत दौरों की गिनती होगी तो ये खुद में एक रिकॉर्ड होगा…रही बात प्रमुख विपक्षी दलों की तो कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इन चुनावों में कहीं है ही नहीं… बसपा ने समन्वय की सारी जिम्मेदारी मंडलीय समन्वयकों के सिर डाल दी है… पार्टी की मुखिया को अब भी उम्मीद है कि दलित वोट तो उनके हैं ही… मुस्लिम मिल जाएं तो उनकी पार्टी कुछ गुल खिला सकती है… इसी उम्मीद में उन्होंने 17 नगर निगमों में 11 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं…

रही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की बात तो लखनऊ में उनका प्रचार मेट्रो तक सीमित रहा। गोरखपुर, सहारनपुर और मेरठ वो जरूर गए… रोड शो भी किया… लेकिन कहने वाले कह रहे हैं… अखिलेश तो बागियों की बगावत को शांत करने के लिए गए… देखने वाले तो अखिलेश के दौरे को रस्म अदायगी के तौर पर देख रहे हैं… क्योंकि वो पहले चरण के चुनावों के बिल्कुल अंत में निकले।