Imran Masood का Akhilesh Yadav पर ‘फायर’ वाला अंदाज, अखिलेश को जबरदस्त तरीके से निशाने पर लिया…भाषण वायरल..

इमरान मसूद का अखिलेश पर ‘फायर’ वाला अंदाज
मोदी-योगी के लिए भी इमरान ने ऐसा नहीं कहा… जैसे अखिलेश के खिलाफ कह रहे हैं
मायावती के लिए इमरान मसूद ने कसी कमर… अखिलेश पर अबतक का सबसे बड़ा प्रहार कर दिया

बीएसपी नेता इमरान मसूद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जितने फायर अभी उतने फायर तो वो कांग्रेस में रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र के खिलाफ भी नहीं थे… मसूद जितना आक्रामक अखिलेश के लिए है… उतने तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए इससे पहले कभी नहीं दिखे… तो ऐसे में सवाल है… आखिर क्यों इमरान मसूद अखिलेश को सबसे ज्यादा अपने निशाने पर ले रहे हैं… कही ऐसा तो नहीं मायावती के साथ मुस्लिम समाज को जोड़ने के लिए ऐसा कर रहे हैं… कही ऐसा तो नहीं इमरान मसूद को ऐसा लगता है… जब तक यूपी में सपा हैं… जब तक अखिलेश हैं… तब बीएसपी की राजनीति यूपी में फिर से पैठ नहीं बना सकती है… ये सवाल कुछ हद तक सत्यता की कसौटी पर खरी उतरती है… लेकिन एक और बात है… जो दर्द इमरान मसूद की बातों में झलकता है… इमरान मसूद उस बात को भूले नहीं हैं…. और शायद ये उसी का जवाब है… पहले इमरान मसूद का वो भाषण सुनिए… जिसे अखिलेश सुनेंगे तो यकीनन कहेंगे… इमरान इतने हमलावर होंगे ऐसा तो सोचा ही नहीं था…

इमरान कह रहे हैं… बीजेपी को हटाना है, तो बीएसपी के साथ जाना ही होगा, इसके अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है… समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है….इमरान कह रहे हैं… सपा मुस्लिम लीडर की कत्लगाह है… आजम साहब की आंखें से टपकते हुए आंसू, लरजते होठों से निकलती वो आवाज कि अगर खुदकुशी हराम ना होती तो मैं खुदकुशी कर लेता… अखिलेश यादव को फलता-फूलता हुआ मुसलमान नहीं चाहिए, अखिलेश यादव को पैर पकड़ता हुआ मुसलमान चाहिए… जिसके अंदर जमीर की जरा सी भी आवाज है वो अखिलेश के साथ नहीं चल सकता… मैं सब कुछ छोड़ कर के समाजवादी पार्टी में गया था क्योंकि उत्तर प्रदेश में जुल्म हो रहा था….इससे आगे कहते हैं… 111 सीटे जो सपा को मिली है… उसकी वजह वहीं जहां जहां वो गए… वहीं सीटे सपा को मिली… उससे आगे इमरान ने तो कुछ नहीं कहा… लेकिन ऐसा लगा इमरान वो बात भूले नहीं… जब कांग्रेस को छोड़कर वो सपा में शामिल हुए थे… उम्मीद लेकर गए थे… विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिलेंगे…लेकिन ऐसा हुआ नहीं… अब इमरान बीएसपी में हैं… तो अखिलेश से अपना पुराना हिसाब अपने शब्दों से ले रहे हैं…