बीजेपी निकाय चुनाव में अपने परफॉरमेंस पर जश्न मना रही थी… लेकिन योगी सोच में थे ऐसा कैसा हो गया
यूपी में निकाय के रिजल्ट से PM मोदी-शाह हैरान हुए परेशान हुए… शायद योगी को फोन लगाया हो गया… देखिए… बैठक कीजिए… 2024 में कोई खेला ना हो जाए
2024 में यूपी में 80 में 80 सीट लाने की बीजेपी की महात्वाकांक्षा झटका… प्लान अपनी राह से भटका
नगर निकाय चुनाव में जब रिजल्ट आया… तो बीजेपी जश्न मनाने लगी… सब सीएम योगी का गुणगान करने लगे हैं… लेकिन जब जीत की सच्चाई की पड़ताल होने लगी… तो अचानक से ध्यान हार की ओर गया… फिर जो सच्चाई सामने आई… वो बीजेपी के थिंकटैंक के माथे से पसीना निकालने जैसा रहा है… मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ तो जरूर परेशान हुए होंगे… सोच रहे होंगे… जो पीएम मोदी ने 2024 के लिए उन्हें टास्क दिया… उसमें उनकी बीजेपी यूपी में तो पीछे हो गई…निकाय चुनाव में ऐसा हुआ… जिससे यूपी में 80 में से 80 सीट लाने की बीजेपी की महात्वाकांक्षा को जबरदस्त झटका लगा है…. अब ऐसा योगी को लग रहा है… उनका प्लान ने अपने रास्ते से पूरी तरह भटक गया है…ये हम क्यों कह रहे हैं… इस रिपोर्ट को आखिर तक जरूर देखिए…पूरी बात समझ जाएंगे…
बीजेपी ने निकाय चुनाव को लोकसभा चुनाव का पूर्वाभ्यास मानते हुए चुनाव लड़ा… चुनाव जिताने की जिम्मेदारी सांसदों को सौंपी गई… सभी 17 नगर निगम में जीत मिली… कुछ जिला मुख्यालयों सहित कुल 91 नगर पालिका परिषद और 191 नगर पंचायतें भी बीजेपी ने जीती है… 108 नगर पालिका परिषद और 353 नगर पंचायतों में भाजपा को हार का सामना भी करना पड़ा है… लेकिन निकाय चुनाव के जिलावार आंकड़े बता रहे हैं कि बीजेपी के दिग्गज सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी को जीत नहीं दिला सके हैं… चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी प्रदेश मुख्यालय को मिल रहे फीडबैक में सामने आया है कि कई जगह सांसदों के करीबियों ने बगावत कर पार्टी प्रत्याशी को चुनाव हराया… कई जगह तो सांसदों के करीबी ही बगावत कर मैदान में आ गए और सांसदों ने प्रत्याशी की जगह करीबी को जिताने का काम किया…
कई जगह अपने करीबी को मैदान से हटाने में नाकाम रहे और उसके बाद पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार में भी दिलचस्पी नहीं ली… अब निकाय चुनाव भले ही स्थानीय राजनीतिक और मुद्दों पर लड़ा जाता है लेकिन परिणाम का असर आगे तक रहता है… लिहाजा बीजेपी के सांसदों को निकाय चुनाव के नतीजों से सबक लेते हुए लोकसभा चुनाव से पहले कील कांटे दुरुस्त करने होंगे…. अब बताते क्या हुआ… पड़ताल में क्या निकला जिसकी वजह से मोदी-योगी परेशान हैं…
केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी के निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े महराजगंज जिले की आठ में तीन नगर पंचायतें भाजपा ने जीती हैं… जबकि दोनों नगर पालिका परिषद में भाजपा हारी
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के मुजफ्फरनगर जिले की आठ नगर पंचायतों में से एक भी भाजपा नहीं जीती है दो नगर पालिका में से केवल एक मुजफ्फरनगर नगर पालिका जीती
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की एक नगर पालिका परिषद बीजेपी हारी है… नौ में से पांच नगर पंचायतें बीजेपी ने जीती है।
भोजपुरी गायक और सांसद दिनेश लाल उर्फ निरहुआ के संसदीय क्षेत्र से जुड़े आजमगढ़ जिले की सभी तीन नगर पालिका में बीजेपी की हार हुई
मेरठ सांसद राजेंद्र अग्रवाल के क्षेत्र की हापुड़ सदर नगर पालिका सीट बसपा ने जीत ली
निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के सांसद पुत्र प्रवीण निषाद के क्षेत्र की नगर पालिका परिषद खलीलाबाद और नगर पंचायत मगहर में बीजेपी की हार हुई
र्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजबीर सिंह के निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े एटा जिले की छह मंज से मात्र एक अवागढ़ नगर पंचायत बीजेपी ने जीती है
सांसद सत्यपाल सिंह के निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े बागपत जिले की सभी छह नगर पंचायतें भाजपा हारी…
तेजतर्रार सांसद साक्षी महाराज के निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े उन्नाव जिले में 16 में से सिर्फ तीन नगर पंचायत, तीन नगर पालिका परिषद में से सिर्फ एक उन्नाव नगर पालिका परिषद बीजेपी जीती
पूर्व मंत्री, एससी आयोग के पूर्व अध्यक्ष और इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया के निर्वाचन क्षेत्र के जिले इटावा में तीन नगर पालिका परिषद और तीन नगर पंचायतों में एक भी जगह जीत नहीं मिली है
बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत के क्षेत्र के जिले फर्रुखाबाद में सात में दो नगर पंचायत भाजपा ने जीती हैं… जबकि दोनों नगर पालिका परिषद में भाजपा की हार हुई
यही वजह है कि नगर निकाय चुनाव में मजबूत जीत के बाद भी बीजेपी अलाकमान को बेचैनी है… मोदी-योगी सोच रहे हैं… अरे ये क्या हो गया… अब 2024 में क्या होगा.