गोंडा में स्वास्थ्य विभाग के एंबुलेंस कर्मियों की घोर लापरवाही सामने आई है। यहां जिला अस्पताल में भर्ती एक मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए डक्टरों ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया. मरीज राम सुंदर को उसके परिजन 108 एंबुलेंस द्वारा लखनऊ ले जा रहे थे. मगर रास्ते में राम सुंदर की मौत हो जाने पर एंबुलेंस कर्मियों ने करनैलगंज सीएचसी में शव को उतार दिया और चलते बने. परिजनों के मुताबिक उन्होंने एंबुलेंसकर्मियों से कहा कि वापस गोंडा ले चलिए लेकिन वो नहीं माने. उन्होंने कहा कि एंबुलेंस में शव को नहीं ले जा सकते. जिसके बाद मरीज के परिजन उसका शव लेकर रात भर ठिठुरती ठंड में अस्पताल के अंंधेरे परिसर में पड़े रहे.
मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को दिन में गोंडा के एलबीएस चौराहे पर हुई सड़क दुर्घटना में दिहाड़ी मजदूर राम सुंदर बुरी तरह घायल हो गया था. स्थानीय पुलिस द्वारा उसे गोंडा के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया था. यहां उसकी नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने बेहतर चिकित्सा के लिए उसे लखनऊ मेडिकल कॉलेज ट्रॉमा सेंटर ले जाने को कहा. मरीज के परिजन उसे एंबुलेंस से ले जा रहे थे लेकिन करनैलगंज के पास अचानक हालत बिगड़ने से सुंदर ने दम तोड़ दिया. यह देख एंबुलेंस ड्राइवर शव को नीचे उतारकर चला गया. इस दौरान मजदूर का भतीजा और परिवार के अन्यड सदस्यज उसके सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा. एंबुलेंस कर्मियों ने करनैलगंज सीएचसी पर शव को उतार दिया और चले गए. जब घोर लापरवाही के बारे में सीएमओ अजय सिंह गौतम से बात की गई तो उन्होंने जांच कराने की बात कही. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.