कोरोना संकट की वजह से आम जिंदगी चरमरा सी गई है । लगता है वक्त की रफ्तार सिमट कर घर तक सिमटकर रह गई है । सभी अपनी खुली आंखों से बहुत कुछ देख तो रहा है, लेकिन कुछ कर नहीं पा रहा है । सरकार का पूरा ध्यान कोरोना संकट से निपटने पर जोर है और ये होना भी चाहिए । ऐसे अहम सवाल उठता है, कोरोना के अलावा और भी बहुत काम है जो सरकार ने शुरू किए, उसकी क्या हालत है, मौजूदा स्थिति में है ।

ऐसे ही एक सवाल है, योगी सरकार ने प्रकृति की सुंदरता बनाए रखने के लिए लाखों की संख्या में सड़कों के किनारे जो पेड़ पौधे लगाए थे। क्या उसपर शासन-प्रशासन का ध्यान है । इंसानों के साथ क्या उन पेड़ पौधों की जिंदगी बनाए रखने के लिए कुछ किया जा रहा है फिर उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है ।

इन तस्वीरों को देखकर कुछ एहसास तो हो ही गया है । मुरझाए पौधों की जिंदगी को ताजगी देने की कोशिशें तो हो रही है । ये पेड़-पौधे वही है जिनसे इंसानों की जिंदगी में ताजगी मिलती है । बागपत में इंसानों को कोरोना से बचाने के लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है । तो इन पेड़ पौधों को लॉकडाउन में नई जिंदगी देने के लिए हरित प्राण ट्रस्ट आगे आया है ।
लॉकडाउन की वजह से जिले में बिना पानी के कारण सड़क किनारे लगे पेड़ पौधे सुखने के कगार पर पहुंच चुके थे ऐसे में हरित प्राण ट्रस्ट ने इनकी मुरझायी में जिंदगी में हरियाली से भर देने का प्रण लिया है ।
इस ट्रस्ट ने सड़क किनारे लगे पेड़ पौधों को सींचने के लिए हरिक एंबुलेंस चलाया है । लॉकडाउन में हरित एम्बुलेंस अब पौधों को नई जिंदगी देगी । सड़कों के किनारे खड़े पौधों को पानी देने का काम करेगी