यूपी के विवादित निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं । एक तरफ लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में उत्तराखंड में विधायक के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है । वहीं मामले में यूपी सरकार ने भी पल्ला झाड़ लिया है । यूपी सरकार की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है कि अमनमणि त्रिपाठी को उत्तराखंड जाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया गया था । विधायक अमनमणि त्रिपाठी अपने कृत्यों के लिए स्वयं उत्तरदायी हैं।
यूपी के बिजनौर के नजीबाबाद इलाके में लॉक डाउन का उल्लंघन मामले में विधायक अमनमणि समेत 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है । नजीबाबाद थाना की पुलिस ने लॉक डाउन नियम तोड़ने के मामले में धारा 268,269,188 और महामारी अधिनियम 1887 और 51 बी के तहत केस दर्ज किया है । इसके अलावा अमनमणि त्रिपाठी की दो गाड़ियों को भी पुलिस ने जब्त किया है ।
आपको बता दें कि अमनमणि महारगंज के नौतनवा से विधायक हैं । विधायक अमन मणि त्रिपाठी को उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार किया था । अमन मणि त्रिपाठी के अलावा 12 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। इन सभी को उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार किया गया था। सभी पर लॉकडाउन के उल्लंघन का आरोप था। हालांकि गिरफ्तारी के बाद इन सभी को जमानत भी मिल गई है। ।
नौतनवा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने सीएम योगी के पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट के नाम पर लॉकडाउन का उलंघन किया था। अमन मणि त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने सीएम योगी के मृत पिता के नाम पर फर्जीवाड़ा किया और अपना पास बनवाया।