मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को परिवहन निगम की 150 बसों को जनता को समर्पित किया। पांच कालिदास मार्ग पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन के पर्व पर यह बसें खासतौर से माताओं बहनों को निशुल्क रूप से गंतव्य तक पहुंचाएंगी। 75 जनपदों को दो दो बसें मिल रही हैं। इसके अलावा उन्होंने झांसी, बरेली और अलीगढ़ के ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर का भी अनावरण किया। साथ ही सारथी हाल फिरोजाबाद का भी शिलान्यास किया। उन्होंने अलीगढ़ नौझील कांठ हैदरगढ़ और सिग्नेचर बस अड्डा का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री योगी ने एलान किया कि जल्द ही 60 वर्ष से ऊपर की माता बहनों को फ्री में यात्रा कराने की योजना भी शुरू करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी का वास्ता सड़क पर उतरते ही हमारी बसों से पड़ता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम अपनी परिवहन व्यवस्था को और मजबूत करें । 2019 के कुंभ प्रयागराज के दौरान हमने जो बसें खरीदी थी उन्हें भी हमने परिवहन निगम को समर्पित कर दिया जिन्होंने कोरोना महामारी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। ये बसें खासतौर से कोरोना में प्रवासी कामगारों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए काम आईं। रोडवेज ने 1 करोड़ से अधिक लोगों को अपने प्रदेश के अंदर और यूपी से बाहर दूसरे प्रदेशों तक पहुंचाया।

40 लाख लोग तो केवल उत्तर प्रदेश के थे और 30 लाख कामगार बिहार के थे। इसके अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, राजस्थान और हरियाणा के लोगों को निशुल्क सेवा प्रदान की गई । उन्होंने कहा कि मानवता का इससे बड़ा उदाहरण और कोई नहीं मिल सकता। 24 करोड़ श्रद्धालुओं को कुंभ में सेवाएं दी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तेजी से बस स्टेशनों को हाईक्लास व्यवस्था में बदलना होगा। 1,10,000 से अधिक गांवों को बसों से जोड़ने का लक्ष्य है। साथ ही उन्होंने बस स्टेशनों को आधुनिक बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जब भारत के एयरपोर्ट विश्व स्तरीय बन सकते हैं तो बस अड्डे क्यों नहीं। इसी तर्ज पर उनका विकास किया जाए। बस अड्डों पर सभी सुविधाएं हों। अन्य राज्यों के साथ भी बेहतर से बेहतर कनेक्टिविटी की जाए।

जर्जर बसों को हटाकर बेड़े में नई बसें शामिल करें

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जर्जर बसों को धीरे-धीरे हटाएं और बेड़े में नई बसें शामिल करें। खासतौर से चालकों की फिटनेस की व्यवस्था की जाए और इसके सेंटर विकसित हो। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जो स्किल मैपिंग की गई थी उसमें पता चला था कि 12000 तो केवल ड्राइवर ही यूपी में इस दौरान आए थे। ऐसे लोगों का लाभ लिया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटीआई और पॉलिटेक्निक के छात्रों को भी वर्कशॉप से जोड़ा जाए। इससे मैन पावर बढ़ेगी और इन बच्चों को भी अभ्यास ज्यादा मिल सकेगा । मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं पर दुख जताया। कहा कि ढाई साल में कोविड में यूपी में 23000 मौतें हुई हैं जबकि प्रतिवर्ष दुर्घटना में लगभग 20000 मौतें हो रही हैं इस पर अंकुश लगाना होगा।

उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन पर बहनों को 48 घंटे निशुल्क में यात्रा सुविधा दी गई है। इससे उनका सफर सुरक्षित और आरामदायक होगा। इसके पहले परिवहन निगम के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद तिवारी ने कहा कि 1150 नई बसें बेड़े में जोड़ी जानी है जिनमें 150 आज जोड़ी जा रही हैं। 97814 आबादी गांवों को लक्ष्य बनाकर 85,610 गांवों को जोड़ दिया गया है। बालिकाओं को चालक की ट्रेनिंग देने के लिए कानपुर ट्रेनिंग सेंटर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह ने कहा की सीएम के निर्देश पर डग्गामार वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया गया जिसका परिणाम यह रहा कि 316 करोड़ की अतिरिक्त आय रोडवेज को हुई। लाइसेंस व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है और बाकी बसें भी जल्द ही सड़कों पर होंगी।उन्होंने कहा कि परिवहन निगम में 50% पद खाली हैं । मुख्यमंत्री निर्देश दें तो इन्हें भरने की तैयारी शुरू की जाए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बसों को हरी झंडी देकर रवाना किया।