लखनऊ, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ लखनऊ के घंटाघर पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं को पुलिस ने जबरन हटाने की कोशिश की जिसका प्रदर्शनकारियों ने जमकर विरोध किया।
प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि पुलिस बिस्तर और तम्बू उठा ले गई है। वहीं, इस पूरे मामले पर एडीसीपी विकास चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि कई लोग अनावश्यक रूप से खड़े थे और बाइक खड़ी कर रखी थी। इस कारण यातायात प्रभावित हो रहा था। पुलिस की टीम ने इसे ही हटवाया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रही महिलाओं को नहीं हटाया जा रहा है।
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए एक साथ बड़ी संख्या में लोगों का एक जगह एकत्र होना खतरनाक माना जा रहा है। इससे संक्रमण फैलने का भी खतरा है जिसे देखते हुए पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की पर बात नहीं बनी। हालांकि, पुलिस ने सड़क पर खड़े लोगों को हटा दिया।
सीएए के खिलाफ घंटाघर पर पिछले करीब दो महीने से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। उनका कहना है कि वे तभी हटेंगी जब सरकार इस कानून को वापस ले लेगी। हालांकि, सरकार ने एक इंच भी पीछे न हटने की बात कहते हुए अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।