यूपी में बिछने लगी है लोकसभा चुनाव की बिसात
बीजेपी के सामने बिखरने लगी हैं विपक्षी पार्टियां
बीजेपी ने पहले ओमप्रकाश राजभर और अब राजा भैया को किया अपने पाले में
विधानपरिषद की दो सीटों पर हो रही वोटिंग में दिखी लोकसभा चुनाव की झलक
राजा भैया ने खुलकर कहा कि मैंने बीजेपी को वोट दिया क्योंकि…



लोकसभा चुनाव को लेकर अब लगभग हर राज्य में स्थिति साफ होने लगी है कि कौन सत्ताधारी पार्टी के साथ है और कौन विपक्ष के साथ चुनाव लड़ने का मन बना रहा है….सबसे बड़े राज्य यूपी में भी अब राजनीतिक समीकरण बनने बिगड़ने लगे हैं…और विधान परिषद की वोटिंग दौरान इसकी झलक साफ देखी जा सकती है…कल ही डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की गाड़ी में ओमप्रकाश राजभर नजर आए और आज राजा भैया ने बीजेपी खुलकर बता दिया कि उन्होने बीजेपी को वोट किया है….राजा भैया ने इसकी वजह भी बताई…जिसके बाद से ही यूपी में विपक्षी कमजोर होती नजर आ रही है…चलिए आपको बताते हैं कि राजा भैया ने बीजेपी को वोट क्यों दिया और ये घटना लोकसभा चुनाव को देखते हुए अहम क्यों है….
दरअसल यूपी में विधान परिषद की दो खाली सीटों के लिए वोटिंग चल रही है। इस चुनाव में BJP और समाजवादी पार्टी के दो-दो उम्मीदवार आमने सामने हैं। इसी बीच चुनाव के संदर्भ में राजा भैया का बड़ा बयान सामने आया है…जिसके बाद से लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता की कोशिशों को करारा झटका लगा है….क्योंकि यूपी में विपक्ष को एक जुट करने की जिम्मेदारी सपा मुखिया अखिलेश यादव के जिम्मे है…लेकिन अखिलेश यादव इसमें पिछड़ते नजर आ रहे हैं क्योंकि बीजेपी ने पहले ओमप्रकाश राजभर और अब राजा भैया को भी अपने पाले में कर लिया है…राजा भैया ने खुलकर कहा कि उन्होंने BJP प्रत्याषी को वोट दिया है और बकायदा इसकी वजह भी बताई है। राजा भैया ने एक इंटरव्यू में बताया कि

हमने BJP प्रत्याशी को वोट दिया है, क्योंकि उन्होंने ही हमसे वोट मांगा और किसी ने नहीं मांगा, तो नहीं दिया।
यह चुनाव होना ही नहीं चाहिए था, कोई औचित्य नहीं था। इसके पहले ऐसा कोई उदाहरण देखने को नहीं मिला। पहले भी उपचुनाव हुए है जिसकी सत्ता होती है जो सरकार में होता है उसका प्रत्याशी ही जीतता है

राजा भैया के इस बयान से यह साफ हो रहा है कि उन्हें विपक्षी पार्टियों ने समर्थन के लिए कोशिश भी नहीं की है…जबकि नीतीश कुमार पूरे देश में घूमकर घूमकर विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं और यूपी में विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की जिम्मेदारी अखिलेश यादव को दी गई है…लेकिन राजा भैया के बयान से साफ हो गया है कि अखिलेश यादव की तरफ से ऐसी कोई कोशिश नहीं की गई है…इस शीत युद्ध के पीछे विधानसभा चुनाव में होने वाली सियासी लड़ाई थी…जिसमें राजा भैया और अखिलेश यादव दोनों के प्रत्याशी आमने सामने थे…और तब से ही दोनों के बीच सियासी बयानबाजी चली आ रही है…जबकि पहले दोनों नेताओं में अच्छी बनती थी राजाभैया अखिलेश की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं….
बता दें कि यूपी विधान परिषद की दो खाली सीटों पर चुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि विधान परिषद सदस्य लक्ष्मण आचार्य के इस्तीफे से MLC की एक सीट खाली हुई है। इसके अलावा यूपी में बनवारी लाल दोहरे के निधन से भी एक सीट खाली हुई है। इस तरह से दो सीटों खाली हैं, जिनको लेकर चुनाव हो रहा है